पवन दुर्गम, बीजापुर- बीजापुर ज़िला मुख्यालय के शांतिनगर वार्ड में आधा दर्जन से ज़्यादा शराब के अड्डों में धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है। रोज़ाना लाखों रुपये की शराब की बिक्री यहाँ होती है। प्रिंट रेट से 15% फ़ीसदी महँगी शराब बेची जा रही है। अवैध कारोबार का बोलबाला ज़िला मुख्यालय के बीचों बीच बेख़ौफ़ी से कोचिये कर रहे हैं। आख़िर कोचियों की इस निडरता के पीछे असली वजह क्या हो सकती है। वार्डवासियों के मुताबिक़ शाम ढलते ही शांतिनाथ में ट्रैफ़िक बढ़ जाती है। दोपहिया वाहनो की आवाजाही से शराबखोरी का सिलसिला शुरू हो जाता है।
कोतवाली पुलिस ने कुछ कोचियों पर कार्रवाई की थी लेकिन अवैध शराब की बिक्री को बंद कराने में असफल रही है। यही वजह है कि अब कोचियों में पुलिस का डर नहीं दिख रहा है। ज़िला मुख्यालय में देशी/विदेशी मदिरा दुकान होने के बावजूद एकमात्र वार्ड में आधा दर्जन अड्डों पर शराब का मिलना कोचियों और आबकारी अधिकारियों के बीच साँठगाँठ के संदेह को भी जन्म देता है। सरकारी लेबल लगी बोतलों का कोचियों के पास से बिकने का मतलब शराब दुकान से ही इन अड्डों पर अवैध तरीक़े शराब पहुँच रहा है।
शांतिनगर के वार्ड पार्षद और नगरपालिका उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम सल्लूर ने बताया कि नगर में आधा दर्जन जगहों पर शराब बेची जा रही है। कई बार शिकायत के बाद भी मनमानी बंद नहीं हो रही है। कइयों पर कार्रवाई के बाद भी दोबारा शुरू हो जाता है। वार्डवासियो को बहुत दिक़्क़तें होती हैं। इन शराब के अड्डों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
आबकारी अधिकारी रघुवीर राठौर ने अवैध शराब बिक्री जैसे किसी भी मामले से अनभिज्ञता जताई है। साहब कहते हैं कि शिकायत आएगी तो कार्रवाई करेंगे। आबकारी अधिकारी के बयान से साफ़ झलकता है कि कोचियों के मनोबल क्यों बढ़े हैं। शांतिनगर वार्ड आबकारी अधिकारी के कार्यालय से महज़ आधा किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है।
भाजपा युवा मोर्चा नेता फूलचंद गागड़ा ने भी नगर में खुलेआम बिक रही शराबखोरी को लेकर आबकारी अधिकारी पर आरोप लगाया है।