अंशिका और लक्ष्य
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून…
गर्मियों के मौसम में तापमान चरम पर है। गौ माता और अन्य बेजुबान पक्षियों की प्यास बुझाना हर इंसान की नैतिक जिम्मेदारी है। कुछ यही शिक्षा दे रहे हैं- डागा कॉलोनी,बरपाली चौक चांपा निवासी रोशनलाल जी के घर के नन्हे-नन्हे बच्चे- अंशिका व लक्ष्य अग्रवाल,गर्मियों में जगत के सभी प्राणी पानी के बिना बैचेन हो जाते है।भगवान ने इंसान को बोलने की शक्ति दी है जब इंसान को प्यास लगती है तो वह अपनी प्यास बुझाने के लिए मुंह से बोल सकते हैं की मुझे प्यास लगी है पानी पिला दो लेकिन पशु पक्षी अन्य बेजुबान जीव किससे कहे की मुझे प्यास लगी है पानी पिला दो वह अपने प्यास बुझाने के लिए पानी की तलास में दर दर भटकते रहता है,हम इंसानों का फर्ज है बेजुबान पशु पक्षीयों की दर्द को समझते हुए यथा शक्ति अपने अपने स्तर पर उनकी प्यास बुझाने की उपाय करना चाहिए,और अपने अपने घरों के बाहर या अन्य स्थानों में पानी की व्यवस्था कर उनकी प्यास बुझाने की प्रयास करते रहना चाहिए।ताकि उनकी प्यास हमारी प्रयास से बुझ सके। आओ हम भी इन नन्हे नन्हे बच्चों से प्रेरणा लेकर पशु पक्षियों की प्यास बुझाने में एक कदम आगे बढ़ाएं और इंसान होने का फर्ज निभाएं ।