टोकन काटने अधिकारीयों से किया फरियाद
महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
जिला के ग्रामीण सेवा सहकारी समिति मर्या नर्रा पंजीयन क्रमांक 1061 में न्यूनतम समर्थन मूल्य में 51 किसानों का साढ़े चार हजार क्विंटल धान खरीदी के लिए अभी तक टोकन नहीं काटा गया है जिसके कारण किसान अपना धान बेचने से वंचित हो रहे है खरीदी के दो दिन ही बाकी रह गया है। किसानों ने अधिकारीयों से फरियाद कर थक गए हैं अभी टोकन नहीं काटने से उनके सामने आर्थिक संकट उतपन्न हो जाएगी इसबात क़ो लेकर किसानों में चिंता व्याप्त है।
किसानों की समस्याओं क़ो लेकर किसान नेता जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार से मांग करते हुए कहा कि किसानों के बकाया धान खरीदी के लिए तुरंत टोकन काटा जाना चाहिए जिससे किसानों क़ो आर्थिक व मानसिक परेशानियों से निजात दिलाया जा सके।
उन्होंने आगे कहा कि साय सरकार कि नियत धान खरीदी क़ो लेकर स्पष्ट व किसान हितैषी नहीं रहा है। किसानों क़ो शुरू से अपनी उपज बेचने में परेशानी हो रही है टोकन काटने की परेशानी, जगह की कमी धान उठाव का उचित प्रबंधन नहीं हो पाना और तक किसानों क़ो 3217 रूपये प्रति क्विंटल की दर से एकमुस्त भुगतान नहीं होना विष्णुदेव सरकार की किसान विरोधी चेहरा क़ो उजागर किया है। जानकारी मिल रही है कि केवल महासमुंद या एक खरीदी केंद्र में किसानों का धान नहीं बिक पाया बल्कि पुरे प्रदेश में 24 जनवरी के बाद टोकन काटने पर रोक लगने के कारण प्रदेश के हजारों किसान 31 जनवरी तक धान बेचने से वंचित हो जायेंगे।
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