रिसाली नगर पालिका के 40 वार्डो पर सफाई का टेंडर खोला गया, EPF, ESIC पर विशेष ध्यान…
भ्रष्टाचार रोकने रिसाली नगर पालिका निगम ने लिया नियमों का सहारा……..नई पहल
भिलाई (ट्रैक सीजी/सादिक रज़ा)
नगर निगम रिसाली में सफाई को लेकर निविदा निकाली गई। निगम में नियम शर्तों में ईपीएफ को लेकर खास फोकस किया है,निविदा में साफ कर दिया है कि काम करने वाली एजेंसी को किस तरह से शहर की सफाई के लिए काम करना है। मजदूरों के इस मामले में कहा गया की एजेंसी को श्रमिकों का इपीएफ ईएसआईसी को समय पर जमा किए जाने के संबंध में ₹100 का शपथ पत्र में उल्लेख कर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा ।इसके साथ ही 6 माह के इपीएफ चालान का प्रति संलग्न करना होगा। जो भारत सरकार के भविष्य निधि विभाग द्वारा नियम अनुसार होगा।
भारत सरकार के भविष्य निधि विभाग द्वारा जारी नियम शर्त की प्रति
सफाई का टेंडर सोमवार को खुला इसमें एलमेक टेक्नोक्रेट्स L1 व भारतीय सिक्योरिटी सर्विसेस L2 रही है। जिसमें इनके अलावा भी उक्त निविदा में 4 अन्य कंपनियों ने भाग लिया,जिनके दर नहीं खोले गए।उक्त कंपनियों में प्रमुख रूप से मैसर्स रविंद्र प्रसाद, मेसर्स रुद्रा कांस्टेक्शन,मैसर्स प्रमोद पांडे और मैसर्स शंकर प्रसाद शर्मा ने भाग लिया,जिनमें निविदा शर्त की पूर्ति न करने के कारण इनका दर नहीं खोला गया ।
उपरोक्त जानकारी के मुताबित मैसर्स शंकर प्रसाद शर्मा व मेसर्स रविंद्र प्रसाद के कम राशि की साल्वेंसी एवं शपथ पत्र में पी.एफ. नियमानुसार की गलत जानकारी होने की वजह से निरस्त किया गया । इसके साथ ही मेसर्स प्रमोद पांडे ने नियम कंडिका में मंगाए गए इपीएफ विभाग में किसी भी प्रकार के प्रामाणिक दस्तावेज सलग्न नहीं किया, साथ ही मैसर्स रुद्रा कंस्ट्रक्शन ने इपीएफ नियमानुसार समय पर जमा करने की जानकारी अपूर्ण दी ,जिसकी वजह से उक्त चारों निविदा दाताओं का दर नहीं खोला गया ।
ज्ञात हो कि नगर निगम रिसाली ने पूर्व से सीख लेते हुए पिछले निविदा में ठेका दिए जाने के बाद ठेकेदार पी वी रमन के द्वारा 2 महीने लगातार ठेका कार्य संचालित करने के बाद गलत शपथ पत्र दिए जाने को लेकर इनके कार्यादेश को निरस्त किया गया,जिसके कारण नगर निगम के कार्य प्रभावित हुए थे,इससे सीख लेकर नई निविदा में नई नियम शर्तों को जोड़ा गया ,जिससे भविष्य में कोई भी गलत जानकारी दे कर ठेका हासिल नहीं कर सके और श्रमिकों के हित लाभ के अंशदान को भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमानुसार जमा किया जा सके और कोई भी ठेकेदार अमानत में ख़यानत नहीं कर सके । अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शपथ पत्र में गलत जानकारी दे कर ठेका हासिल करने पर उनके खिलाफ़ प्राथमिकता रिपोर्ट(FIR) भी दर्ज की जा सकती है।
भाजपा पार्षद अपने ठेकेदार पिता के लिए लगातार बना रहे दबाव…….
जानकारी के मुताबित ठेकेदार रविंद्र प्रसाद अपने पार्षद पुत्र के माध्यम से निविदा में नियम शर्तों के विपरीत अधिकारियों पर निविदा दर खोले जाने को लेकर दबाव बना रहे है। ज्ञात हो कि ठेकेदार रविंद्र प्रसाद द्वारा विगत 2 वर्षों से नगर निगम रिसाली में साफ सफाई एवं कचरों के पुनरचकित कर खाद्य बनाने का कार्य मणिकचन केंद्र के द्वारा संपादित किया जा रहा था,परंतु उक्त ठेकेदार द्वारा पिछले 2 वर्षों से न खाद्य बनाया गया और न ही साफ सफाई की ओर ध्यान दिया गया,जिसको लेकर नगर निगम रिसाली ने कई बार ठेकेदार रविंद्र प्रसाद को नोटिस जारी किया है ।साथ ही कर्मचारियों के हित लाभ और उनके सही समय पर वेतन नहीं दिए जाने को लेकर कई बार श्रमिक हड़ताल पर भी गए। जिससे अतिआवश्यकता सेवा बाधित होती रही है,इसे लेकर भी नगर निगम ने कई बार नोटिस जारी किया।
साफ सफाई को लेकर नगर निगम रिसाली ने भिलाई नगर निगम की अपेक्षा अपने लगभग 5 करोड़ बचाए…..
जानकारी के मुताबिक भिलाई नगर निगम के द्वारा साफ सफाई के कार्य को संपादित करने के लिए अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट को लगभग 50 करोड़ 28 लाख का ठेका दिए जाने को लेकर कार्यादेश दिया जाना प्रतीक्षारत है।
ज्ञात हो कि नगर निगम रिसाली, नगर पालिका निगम भिलाई से अलग हो कर उसकी स्थापना हुई है, परंतु नगर निगम रिसाली ने पुरानी गलतियों से सिख लेते हुए अपने नियम शर्त बनाए है, जिसकी वजह से कर्मचारियों के अंश दान की चोरी करना व भ्रष्टाचार करना नगण्य हो जाएगा ।
सामान साफ सफाई के कार्यों के लिए निकाली गई निविदा दोनों ही नगर निगमों में समान नेचर ऑफ़ वर्क के है,जिसमें कामगार उपलब्ध कराने की संख्या वाहनों और ईंधन पर व्यय व उनके संधारण पर व्यय साथ ही साफ सफाई कार्य में प्रयोग किए जाने वाली सामग्री पर व्यय सभी सामान व्यवहार और नेचर के है,कर्मचारियों की संख्या और संसाधनों की संख्या में नगर निगम रिसाली से 3 गुना अधिक भिलाई नगर निगम में लगाए जाने वाले कामगार और संसाधनों के द्वारा यह कार्य संचालित किया जाता है। रिसाली नगर निगम में लगभग 500 कर्मचारियो की संख्या है ,वहीं भिलाई नगर निगम में लगभग 1500 कर्मचारियों की संख्या है,जिससे यह आकलन लगाया जा सकता है कि भिलाई नगर निगम ने जो उक्त ठेका मेसर्स अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट को लगभग 51 करोड़ की राशि का दिया है,उक्त ठेका राशि को आधार मानते हुए रिसाली नगर निगम को लगभग सालाना 17 से 18 करोड़ की राशि का ठेका दिया जा सकता था परंतु रिसाली नगर निगम ने अपने नियम शर्तों को कड़ाई से लागू करते हुए ,अपने यहां का ठेका 12 करोड़ 29 लाख में एल वन की दर को खोला है,जिससे नगर निगम रिसाली को भिलाई नगर निगम की अपेक्षा लगभग सालाना 5 करोड़ से ऊपर की राशि का बचत होगा ।अगर रिसाली नगर निगम के ठेके को आधार माने और अन्य व्यय को जोड़े तो भिलाई नगर निगम के द्वारा दी गई निविदा की दर लगभग 37 से 40 करोड़ के बीच ही होनी चाहिए।