जिला ब्यूरो चीफ सरगुजा SHAIF FIRDOUSI ट्रैक सीजी न्यूज
🔷 थाना लुन्ड्रा पुलिस टीम द्वारा मामले के आरोपी के विरुद्ध की गई सख्त वैधानिक कार्यवाही।
🔷 आपराधिक गतिविधियों मे संलिप्त आरोपियों के विरुद्ध की जा रही लगातार कार्यवाही।
🔷 घटनास्थल से घटना मे प्रयुक्त माचिस का डब्बा एवं कपड़ा का जला हुआ टुकड़ा किया गया बरामद।
⏩ मामले का संछिप्त वोवरण इस प्रकार हैं कि प्रार्थी गंगा गिरी साकिन दोरना लुन्ड्रा द्वारा दिनांक 04/12 24 कों थाना लुन्ड्रा आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि आज दिनांक कों प्रार्थी अपने घर पर था कि ग्राम के सरपंच पति तरंन सिंह प्रार्थी कों फ़ोन कर सूचना दिए कि ग्राम दोरना लोहारपारा के दशरू उर्फ़ केरे करवा कों उसका दामाद धनसाय कोरवा आग से जला दिया हैं, तब प्रार्थी सूचना पाकर मौक़े पर जाकर देखा तो दसरू ऊर्फ केरे कोरवा शासकीय स्कूल ग्राउण्ड के पास जमीन में लेटा हुआ मिला, शरीर का पीछला हिस्सा और पैर तरफ बुरी तरह जल गया था, प्रार्थी आहत से घटना के सम्बन्ध मे पुछा कौन जला दिया तब आहत दसरू ऊर्फ केरे कोरवा बताया कि इसका दमाद धनसाय कोरवा बिते तीन माह से इसके घर में पुत्री के साथ रहता है और इसे घर से निकाल दिया है दसरू ऊर्फ केरे को शासकीय आवास का पैसा मिला है उसे भी शराब पीने के लिये मांगता है नही देने पर आज सुबह आग तापते समय बुढा पैसा नही देता है कहकर धनसाय कोरवा आहत कों हत्या करने के नीयत से पहने कपड़ा में माचिस से आग लगा दिया जिससे आहत का शरीर जल गया हैं, बाद मे आस पास के अन्य लोगो द्वारा आहत कों डायल 112 की सहायता से अस्पताल लाकर भर्ती कराकर इलाज करा रहे हैं, प्रार्थी कि रिपोर्ट पर थाना लुन्ड्रा मे अपराध क्रमांक 273/24 धारा 109 बी. एन. एस. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।
⏩ दौरान विवेचना पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल निरीक्षण कर माचिस का डब्बा एवं जला हुआ कपड़ा बरामद किया गया था, पुलिस टीम द्वारा मामले के आरोपी धनसाय कोरवा कों हिरासत मे लेकर पूछताछ किया गया, जो आरोपी द्वारा अपना नाम धनसाय कोरवा उम्र 45 वर्ष निवासी उरदरा थाना लुण्ड्रा हाल मुकाम दोरना लोहारपारा थाना लुन्ड्रा का होना बताया, आरोपी से घटना के सम्बन्ध मे पूछताछ किये जाने पर अपराध घटित किया जाना स्वीकार किया गया,आरोपी के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा मे भेजा जाता हैं।
⏩ सम्पूर्ण कार्यवाही मे थाना प्रभारी लुन्ड्रा उप निरीक्षक शिशिरकांत सिंह, उप निरीक्षक नवल किशोर दुबे, आरक्षक बाल्केश्वर राम, अनिल बड़ा, वीरेंद्र खलखो, शिवप्रसाद खलखो, दीपक पाण्डेय सक्रिय रहे।