वर्चुअल माध्यम से केन्द्रीय महिला बाल विकास मंत्री ने बाल विवाह मुक्त भारत बनाने दिलाई प्रतिज्ञा
कार्यक्रम में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के संबंध में दी गई जानकारी
अनूपपुर 27 नवम्बर 2024
बाल विवाह की रोकथाम के प्रति जनजागरूकता लाने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ महिला बाल विकास विभाग की केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी द्वारा विज्ञान भवन नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के द्वारा एक पोर्टल लांच किया गया एवं बाल विवाह मुक्त भारत बनाने हेतु सामूहिक प्रतिज्ञा भी ली गई। वर्चुअल कार्यक्रम को देखने एवं सुनने के लिए कलेक्ट्रेट स्थित सोन सभागार में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई थीं। कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, जिले के सभी थानों से बाल कल्याण अधिकारी, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, धर्मगुरु, सेवा प्रदाता आदि उपस्थित हुए।
जेण्डर आधारित हिंसा के रोकथाम हेतु 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर 2024 तक आयोजित किए जा रहे जनजागरूकता अभियान ‘‘हम होंगे कामयाब’’ पखवाड़ा के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बाल विवाह रोकथाम के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम और इन कानूनों के उल्लंघन के कानूनी परिणामों पर वेबीनार और सत्र का आयोजन किया गया।
महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस कानून का मकसद समाज में बाल विवाह को रोकना है। इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र की महिला तथा 21 साल से कम उम्र के पुरुष के विवाह को बाल विवाह माना जाता है। बाल विवाह को दण्डनीय अपराध माना गया है। बाल विवाह करने वाले वयस्क पुरुष या बाल विवाह सम्पन्न कराने वालों को दो साल तक जेल या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनो हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में इस कानून में संशोधन करते हुए बाल विवाह में भागीदार सभी सेवा प्रदाताओं को इसके दायरे में लाया गया है। टेन्ट, कैटरिंग, बैण्ड बाजे, डीजे, कार्ड प्रिन्टर, विवाह कराने वाले आदि या विवाह में किसी भी प्रकार की सेवा प्रदाय करने वाले सभी सेवा प्रदाताओं को इसके दायरे में लाया गया है। यदि यह सेवा प्रदाता बाल विवाह में सम्मिलित होते हैं, तो उन्हें भी सजा का प्रावधान है।