कोरबा कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल की बोर्ड परीक्षा में बच्चों के परीक्षा परिणाम में सुधार लाने के लिए कला संकाय विषय के व्याख्याताओं की समीक्षा बैठक शनिवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में ली। उन्होने शिक्षकों को निर्देश दिए कि पढाई में कमजोर बच्चों के शैक्षणिक विकास के लिए उन पर विशेष ध्यान देकर अध्यापन कार्य करें। बच्चों को स्कूल में नियमित आने तथा पढ़ाई में निरंतरता बनाने के लिए प्रेरित करें। उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगायें। ब्लैक बोर्ड पर लिखने का अभ्यास करायें। परीक्षा की तैयारी की दृष्टि से गृह कार्य में प्रश्नोत्तर लिखा कर रिवीजन करायें।
कलेक्टर ने बच्चों के शैक्षणिक विकास एवं परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए विद्यालयवार एवं व्याख्याताओं के विषयवार विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिए कि विगत वर्ष के परीक्षा परिणामों को ध्यान में रखकर शिक्षक मेहनत करें और इस वर्ष उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम लाने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बच्चों की कमजोरियां बताने से अच्छा, उनकी कमजोरी दूर करना है। कलेक्टर ने निर्देश दिया कि प्रत्येक विद्यालय के शिक्षक अपने विषयों में 80 प्रतिशत से अधिक परीक्षा परिणाम लाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के दृष्टिगत शिक्षकों के द्वारा बच्चों की लिखावट की गति एवं शुद्धता पर ध्यान दिया जाये। शिक्षक का मुख्य कार्य अध्यापन कार्य होता है। बच्चों को पढ़ाकर ही आगे बढ़ाया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि विद्यालयों में अनुशासनहीनता करने वाले शिक्षकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को विद्यालयों की सतत मानिटरिंग करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि डीएमएफ मद से विद्यालयों में नियुक्त अतिथि व्याख्याताओं की निरंतरता उनके विषयों के परीक्षा परिणाम के आधार पर की जायेगी। उन्होंने कहा कि अतिथि व्याख्याताओं का उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर मानदेय में वृद्धि भी की जायेगी। कलेक्टर ने कहा कि शिक्षक बच्चों के सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखकर बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही साथ पालक की भी भूमिका निभाएं। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री दिनेश कुमार नाग,जिला शिक्षा अधिकारी श्री टी.पी.उपाध्याय, सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, कला संकाय के व्याख्याता एवं अतिथि व्याख्याता उपस्थित थे।