CCRT के निदेशक एवं उपनिदेशक से प्रमाण प्राप्त करते हुए।
महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
द्वारका नई दिल्ली में आयोजित संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में सांस्कृतिक स्तोत्र एवं प्रशिक्षण केंद्र
में पुनश्चर्या पाठ्यक्रम
के अंतर्गत शिक्षा के लिए एकीकृत दृष्टिकोण
विषय पर आधारित प्रशिक्षण का आयोजन 14 अक्टूबर से 18 अक्टूबर2024 तक आयोजित किया गया ,जिसमें स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम विद्यालय नयापारा महासमुन्द के व्याख्याता हरीश पाण्डेय शामिल हुए तथा महासमुंद जिले का प्रतिनिधित्व किया।
और उन्होंने जानकारी देते हुए कहा की इसके पूर्व 2017 में ओरिऐनटेशन कोर्स जिन शिक्षकों के द्वारा किया गया था ,उन्हें ही रिफ्रेश कोर्स में प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित किया गया, ताकि पूर्व में दिए गए दायित्वों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन कर सके। प्रथम दिवस उपनिदेशक डॉक्टर संदीप शर्मा के द्वारा भारत के 16 राज्यों से 127 शिक्षकों का उन्होंने स्वागत किया तथा सीआरटी के उद्देश्यों को उन्होंने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को बताते हुए कहा कि प्रत्येक दिन आप सभी के लिए कार्यक्रम का निर्धारण किया जा चुका है जिसमें प्रत्येक दिन विषय विशेषज्ञ आप सभी के बीच उपस्थित होंगे तथा विभिन्न विषयों की संगोष्ठी आयोजित होगी जिसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत, संगीत नाटक, लोक नृत्य,लोक गीत, भरतनाट्यम, ओडिसी नृत्य, एंपोरियम क्राफ्ट, तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत, स्वच्छता ही सेवा, महिला उत्पीड़न, लिंगानुपात, नई शिक्षा नीति NEP 2020, योगा एंड मेडिटेशन , gender equality and naturally in school education, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली का प्रयोग एवं राजभाषा नीति आयोग शिक्षा मंत्रालय, के द्वारा पुतली नृत्य, बांसुरी वादन,सितार वादन, एवं हरियाणा लोक नृत्य, राजस्थान लोक नृत्य गीत, उत्तर प्रदेश लोक नृत्य गीत, भारतीय संगीत शास्त्र गायन विधि, तथा प्रत्येक दिवस सर्वधर्म प्रार्थना एवं प्रत्येक दिवस तीन राज्यों से प्रस्तुति कराया जाता था जिसमें सांस्कृतिक ,भौगोलिक, क्षेत्रीय भाषा ज्ञान पर आधारित प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करते थे, छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत राजकीय गीत “अरपा पैरी के धार” से की जो राज्य के सांस्कृतिक गौरव और जनजीवन महत्वता को दर्शाता है तत्पश्चात विभिन्न लोक लोक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई जिसमें छत्तीसगढ़ की पारंपरिक नृत्य और संगीत की झलक देखने को मिली जिसमें व्याख्याता
हरीश पाण्डेय ने कहा भारत के भिन्न-भिन्न राज्यों के सांस्कृतिक विरासत को जानने और समझने का यह विशेष अवसर मुझे प्रदान करने के लिए मोहन राव सावंत जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी तथा समग्र शिक्षा महासमुंद,एवं मेरे संस्था के प्राचार्य अमि रूफस
एवं प्रभारी प्राचार्य के.आर.सागर तथा संस्था के समस्तशिक्षक -शिक्षकों आभारी हूं जिन्होंने मुझे प्रशिक्षण में सम्मिलित होने का अवसर दिया