मेले के झूलों में सुरक्षा के इंतजाम नही, ना हीं फायर सेफ्टी के साथ साथ फर्स्टएड की व्यवस्था उपलब्ध
भटगांव नगर पंचायत में लगे मीना बाजार के पास इमरजेंसी इवैक्यूएशन प्लान उपलब्ध नहीं ,इस पर प्रशासन की नजर क्यो नहीं
शशी रंजन सिंह
सूरजपुर (ट्रैक सी.जी. जिला ब्यूरो चीफ) :– सूरजपुर जिले के नगर पंचायत भटगांव में लगे मेला में यदि घूमने जा रहे हैं तो अपनी सुरक्षा का खुद इंतजाम रखें क्योंकि मेले में फायर सेफ्टी से लेकर फर्स्टएड तक मौजूद नहीं यहां तक कि फायर सेफ्टी के छोटे सिलेंडर तक मौजूद नहीं है यही नहीं यदि कोई झूलते वक्त चोटिल होता है तो तत्काल राहत देने के लिए फर्स्टएड तक का इंतजाम नहीं है वही इमरजेंसी के लिए एक भी अतिरिक्त रास्ता नहीं बनाया गया है ताकि आपात काल में तुरंत सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
किस आधार पर दी गई मीना बाजार लगाने की अनुमति
नगर पंचायत भटगांव में लग रहे हमराज फनफ़ेयर प्रदर्शनी मेले भटगांव सामुदायिक भवन भटगांव के समीप स्थित मेला स्थल के विशालकाय झूलों आदि को बिना किसी सुरक्षा मापदंडों को देखे बिना ही लगाने की अनुमति प्रदान कर दी गई क्या अनुमति प्रदान करने से पहले या बाद में दिए गए अनुमति के आधार पर स्थल का जांच पड़ताल जिम्मेदारों के द्वारा नहीं किया जाना चाहिए।
क्या है इमरजेंसी इवैक्यूएशन प्लान ?
इमरजेंसी इवैक्यूएशन प्लान(ईओपी) एक सर्व-खतरे वाली योजना है, जिसका अर्थ है कि यह परिसर को प्रभावित करने वाली किसी भी घटना के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया रूपरेखा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन है।इसके होने से समय रहते सभी को सुरक्षित तरीक़े से बाहर निकाला जा सकता है।
ध्वनि नियंत्रण मापदंडों के अनुरूप नहीं बज रहे लाउडस्पीकर
शासन के निर्देश में स्पष्ट रूप से 45 डेसिबेल ध्वनि से अधिक ध्वनि पर बज रहे लाउड स्पीकर, लाऊडस्पीकरों का खुले आम मापदंडों से अधिक का प्रयोग कर कोलाहल नियंत्रण कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।
मीना बाजार में निशुल्क पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं
मनोरंजन, व्यापार, स्वास्थ्य, पेट्रोल पंप, खाने, नास्ते की होटल और टॉकीज जैसी सरकारी और निजी संस्था में आम जनता के लिए पीने के पानी और निस्तार के लिए बाथरुम और टॉयलेट की व्यवस्था होती है वही वर्तमान में संचालित मीना बाजार में ना तो निशुल्क पानी मिल रही है और ना ही टॉयलेट की उचित व्यवस्था संचालक मंडल के द्वारा व्यवस्था किया गया है।
दूषित खाद्य सामग्री के साथ उपयोग हो रहा है घरेलू गैस सिलेंडर
मेला स्थल के पास प्रतिदिन नालियों से निकल रही गंदगी सुखकर ढेर हो रही है उसी गंदगी से उड़ने वाली धूल मेले में खुले में रखकर बेची जा रही है तथा इसी गंदगी से उड़कर मक्खी, मच्छर आदि भी मेले में बिक रही खाद्य सामग्री को दूषित कर रहे है. जनस्वास्थ्य के साथ हो रहे खुलेआम इस खिलवाड़ को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई प्रयास या पहल नहीं किया जा रहा है वही मेला स्थल पर गंदगी होने के बाद भी खुले में रखकर बेची जा रही खाद्य सामग्री वही खाने की सामग्री बनाने के लिए कर्मिशियल की जगह घरेलू सिलेंडर का उपयोग मीना बाजार के संचालक के द्वारा नियमों को ताक में रख कर किया जा रहा है जिससे मीना बाजार में घूमने आये लोगों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ सकता है एव सिलिंडर ब्लास्ट की चपेट में आ सकते हैं।
हादसे को बुलावा दे रहा झूला
ड्रैगन व जिएंट व्हील जैसे झुला भी इस मेले मे लाया गया है जिसमे 40 से 50 आदमी झूलते दिखते है और इन सभी झूलो में कोई भी सुरक्षा के उपकरण नहीं लगाये गए हैं और न ही झूलो की किसी सक्षम अधिकारी से कोई भी जाँच करायी गई है जिससे कभी भी बड़े हादसा होने का डर लोगो को बना रहता है।
समय निर्धारित होने के बावजूद भी नहीं हो रहा पालन
मीना बाजार के संचालन के लिए रात्रि 10 बजे तक का समय भी शामिल है परंतु रात्रि 10 बजे के बाद भी मीना बाजार बेखौफ संचालित है आखिर क्यों ? क्या झूला लगाने वाले मनोरंजन के नाम पर आधी रात तक खुलेआम चल रहा है मीना बाजार क्या अनुमति देने वाले जिम्मेदार अधिकारी की नहीं पड़ रही है इस ओर नज़र जो एक सवालिया ये खड़ा कर रहा है आम पब्लिक के सुरक्षा को लेकर ?
नियम और शर्तों को दरकिनार देर रात तक चलता रहा मीना बाजार…
जब से मीना बाजार भटगांव नगर में चल रहा है तब से लगातार सरकारी आदेश की धज्जियां मीना बाजार संचालक द्वारा रोजाना उड़ाई जा रही है और जिम्मेदार अधिकारी अपने ही दिए गए आदेश की अवहेलना होने पर भी कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। बता दें की मीना बाजार संचालक को सशर्त अनुमति दी गई है लेकिन मीना बाजार संचालक ने शर्त का पालन करना उचित नहीं जहां बेखौफ होकर प्रशासनिक आदेश के पन्नो को रौंदकर दबंगता से मीना बाजार का अवैध संचालन किया जा रहा है।
क्यो ली जा रही प्रवेश राशि ?
राज्य के अन्य जिलों में, संचालित मीना बाजार में प्रवेश गेट निशुल्क, तो अनुसूचित जनजाति क्षेत्र एवं दशहरा को देखते हुए भटगांव नगर पंचायत मेबलेज मीना बाजार संचालक का प्रवेश राशि वसूलना गैर वाजिब इसे बंद करने की नगरवासियों ने की मांग।
एस.ओ.पी का यहाँ क्यों नहीं हो रहा पालन ?
देश के उत्तर प्रदेश के हाथरस सतसंघ में हुई घटना में 121 लोगो की मृत्यु के पश्चात, प्रत्येक राज्य सरकारों के द्वारा एस.ओ.पी जारी किया गया था जिसके तहत किसी भी बंद स्थल में सभा या बाजार के संचालन की अनुमति हेतु बाजार स्थल का फूल ले-आउट, प्रवेश -निकासी के कई द्वार, दुकानों की संख्या, बाजार मे संचालित आइटम का नाम, प्रति घटे एक साथ बाजार स्थल में लोगो के घूमने की क्षमता, पार्किंग, ग्रीन कोरिडोर, कार्यक्रम से संबंधित विभागों में समन्वय, जिला प्रशासनिक समिति का स्थल निरीक्षण एवं किसी भी प्रकार की घटना- दुर्घटना का आकलन रिपोर्ट जैसे कई सुरक्षा के मापदंड के अंतर्गत दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है तो फिर मीना बाजार संचालक को अनिवार्य दस्तावेज जमा न करने पर भी प्रशासनिक अनुमति कैस प्रदान की गई ?
क्या कहते है जिम्मेदार
स्थानीय संबंधित जांच अधिकारी को स्थल जांच के लिए भेजा जाएगा जांच उपरांत जो प्रतिवेदन प्रस्तुत की जाएगी उसके आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी यदि मापदंडो को पूरा नहीं करता है तो मीना बाजार का संचालन तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाएगा।
:– सागर सिंह, दंडाधिकारी भैयाथान, जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।