गायब रहने के बाद आकर करते हैं दैनिक उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर
बीजापुर ट्रैक सीजी न्यूज जिला ब्यूरो चीफ
जिले में स्वास्थ्य सुविधा का खाट में होने का मामला सामने आता है जिसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ लापरवाह आरएमए भारी भरकम तन्खवाह लेकर भी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं कराते हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में सरकार स्वास्थ्य सुविधा सुधारने का भले ही कितना दावा करे लेकिन स्वास्थ्य महकमें के मैदानी ईलाकों में पदस्थ अधिकारी -कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही मामला आदिवासी बाहुल्य बस्तर के बीजापुर जिले के पुसगुड़ी में सामने आया है जिसमें स्वास्थ्य सुविधा लड़खड़ाई हुई है क्योंकि डाक्टर नदारद रहते हैं और मैदानी कर्मचारियों का रवैया भी गैर जिम्मेदाराना है।
बीजापुर जिले के आवापल्ली ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुसगुड़ी में पदस्थ आरएमए गिरधर लाल देशलहरे जोकि हमेशा नदारद रहता है। अभी यह जानकारी सामने आई है कि 3 सितंबर से 17 सितंबर तक नदारद रहने के बाद वह आया तथा 3 से 8 सितंबर तक का दैनिक उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर किया। इसी प्रकार 14 से17 सितंबर तक उसने हस्ताक्षर किया तथा 9,10,11,12,13 तक सीएल- सीएल लिख दिया है क्या वह उच्च अधिकारियों से अवकाश स्वीकृत किया या फिर सिविल सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन किया उसको लेकर तरह -तरह की बातें हो रही है। आरएमए के नियम विरुद्ध कार्य करने से उसके मातहत भी उसी राह पर चल रहें हैं जिसके कारण स्वास्थ्य व्यवस्था क्षेत्र में लड़खड़ा गई है। यह जानकारी सामने आई है कि स्थानीय अधिकारियों के निरीक्षण नहीं करने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुसगुड़ी को छोड़कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आवापल्ली में डेरा डाले हुए रहता है। जब कभी कभार वहां पहुंचता है तो वह मरीजों से दुर्व्यवहार भी करता है मसलन पहले क्यों नहीं आए क्या तुमको मालूम नहीं है कि समय क्या है वगैरह-वगैरह। सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वास्थ्य सिस्टम को सुधारने नये -नये चिकित्सकों की पदस्थापना करने विज्ञापन जारी कर रहें हैं लेकिन जो ग्रामीण स्तर पर चिकित्सकों की पदस्थापना किया गया है उनकी मानिटररिंग नहीं होने से स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा रही है।
वहीं इस पूरे मामले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर उसूर उमेश ठाकुर ने बताया कि उपस्थिति पंजी मेरे चैम्बर में ही रहती है ऐसी कोई जानकारी मुझे नहीं है। बीएमओ के बयान से स्पष्ट है कि डॉक्टर को बचाने का प्रयास कर रहे हैं सवाल उठता है आख़िर क्यों। डॉक्टर गिरधर देशलहरे को लेकर स्टाफ में भी तरह तरह की अफ़वाहें हैं जिनका खुलासा होना ज़रूरी है।