पूर्व मुख्यमंत्री के क्षेत्र से खुलेआम दिया पांच साल पशु तस्करी को अंजाम/गृह मंत्री का भी था काफी करीबी?
थाना पाटन में दर्ज अपराध में मुख्य अभियुक्त है,प्रदेश के अनेक थानों में और भी मामले दर्ज
पाटन (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख)
मवेशी तस्करी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए थाना पाटन में अपराध क्रमांक 160/2024 धारा 4,6,10 छ.ग. कृषिक परिरक्षण अधिनियम धारा 11 (घ) पशु कुरता अधिनियम का अपराध दर्ज किया गया था विवेचना के दौरान 03 अभियुक्त को गिरफतार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। ग्राम फुण्डा फार्म हाउस मे व वाहन में मवेशियों को कत्ल खाने ले जाने की तैयारी की गई थी जिसमें कार्यवाही की गई थी जिसमें 03 अभियुक्त गिरफतार किये गये थे। जिसमें आज अग्रिम कार्यवाही करते हुए मुख्य फरार अभियुक्त संजय गिरी गोस्वामी को गिरफतार किया गया। ज्ञात हो कि अभियुक्त संजय गिरी गोस्वामी के विरूद्ध गत मई 2024 में थाना उतई में मवेशी तस्करी के मामले मे अपराध पंजीबद्ध किये गये थे। इसके अलावा पूर्व में भी आरोपी के विरूद्ध जिला बालोद एवं गुण्डरदेही में इसके विरूद्ध मवेशी तस्करी के मामले में अपराध पंजीबद्ध थे। मुख्य अभियुक्त संजय गिरी गोस्वामी थाना पाटन में अपराध पंजीबद्ध होने के दिनांक के बाद से लगातार फरार चल रहा था। जिसकी पतासाजी हेतु टीमें लगाई गई थी टीम के व्दारा आरोपी को गिरफतार किया गया। प्रकरण में आरोपी के व्दारा उपयोग किये गये दो वाहन बोलेरो सीजी 07 बीएल 1354 कीम कलर का जिसमें आरोपी के व्दारा रोड क्लियर किया जाता था एवं वाहन बोलेरो पिकअप सीजी 07 बीबी 6396 में घुम घुम कर मवेशियों को खरीद कर अपने फुण्डा फार्म हाउस में जमा करता था। जिसे जप्त किया गया व आरोपी को गिरफतार कर माननीय न्यायालय पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल किया गया है। प्रकरण में पूर्व से 3 आरोपी गिरफतार है। जिसमें मुख्य आरोपी संजय गिरी गोस्वामी है। इसके अलावा अन्य आरोपीयों की पतासाजी जारी है। अन्य आरोपीयों की गिरफतारी हेतु टीमे रवाना की गई है।
प्राप्त जानकारी अनुसार पशु तस्कर संजय गिरी गोस्वामी नगर पंचायत उतई में कांग्रेस के पूर्व पार्षद रह चुके हैं,वर्तमान में उनकी पत्नी कांग्रेस से नगर पंचायत उतई में पार्षद है।प्राप्त जानकारी अनुसार पार्टी में बने रहकर भूपेश सरकार में उनके निर्वाचन क्षेत्र पाटन विधानसभा से पशु तस्करी को अंजाम देते रहे है जिसमे तात्कालीन सत्ता पक्ष के भी अनेक लोगों का प्रश्रय उन्हे मिलता रहा है जिसके चलते पुलिस प्रशासन उन पर कोई कार्यवाही राजनीतिक दबाव में नही कर पाता था और वो खुलकर गौ तस्करी को भूपेश सरकार में पूरे पांच साल अंजाम देते रहे ।तात्कालीन सरकार में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का भी उनको काफी करीबी माना जाता है उतई में मंत्री रहते ताम्रध्वज साहू और कांग्रेस के तैयारियों को लेकर वो हमेशा आगे रहकर आर्थिक सहयोग प्रदान कर बड़े बड़े आयोजनों में सहयोग करते थे ।