विशेष संवाददाता;- अखिलेश द्विवेदी राजधानी रायपुर
रायपुर:- रायपुर का बहुचर्चित, विवादित और अधूरा प्रोजेक्ट स्काई वॉक का काम जल्द शुरू होने वाला है। करीब 7 सालों से अधूरे खड़े इसके ढांचे को पूरा करने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी होगा।
ठेका लेने वाली कंपनी को 8 महीने और 31 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा। करीब डेढ़ किमी के स्काई वॉक में 12 जगह उतरने और चढ़ने के लिए ऐस्कलेटर लगेंगे। इसी के पास सीढ़ियां भी बनाई जाएंगी। इसके अलावा दो जगहों में अलग से सीढ़ियां बनेंगी।
मैं स्काई-वॉक बोल रहा हूं
पिछले 7 सालों में रायपुर शहर के लोगों ने मुझे बेहद करीब से देखा है। अपने अस्तित्व को बचाने के लिए मैं बरसों से ही ऐसे ही अधूरा खड़ा हूं। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद मेरे पूरे होने की चर्चा भी लोगों के बीच होने लगी है।
तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2016-17 मेरा काम शुरू करवाया था। जिस समय मेरे पिलर की नींव भी नही खोदी थी, तभी से विपक्ष और लोगों का रवैया मेरे लिए सकारात्मक नहीं रहा था। लोग तरह-तरह की बातें किया करते थे।
लेकिन, मन ही मन मुझे यह विश्वास था कि जब मैं बनकर तैयार हो जाउंगा तो रोजाना पैदल चलने वाले राहगीरों को फायदा मिलेगा। मेरे लिए लोगो की सोच बदलेगी। मेरा काम पूरा होने वाला ही था कि 2018 में सत्ता बदली और प्रदेश में नई सरकार आ गई।
फिर 2019 में रोक दिया गया मेरा काम
नई सरकार आने के बाद भी मेरा निर्माण कार्य चलता रहा। इस दौरान मेरा 70 फीसदी काम हो चुका था, लेकिन 2019 में इस पर रोक लगा दी गई। एक सुझाव समिति का गठन किया गया, लेकिन 5 सालों में उसने सिर्फ चर्चा की, कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
मेरा निर्माण कार्य बंद होने से सुझाव कमेटी ने कई तरह के बयानबाजी की। कभी नगर निगम में प्रयोग के तौर पर मेरे पिलर पर वर्टिकल गार्डन बनाया, कभी पेंटिंग बनवाई गई। इस बीच मेरे शरीर के कई हिस्से कमजोर हो गए हैं। कुछ पुरजे भी गिर चुके हैं।
मुझमें उम्मीद जागी
मेरे शरीर के कई हिस्से आज परिंदों के घर हैं। लोगों के भले ही काम नहीं आया, लेकिन पक्षियों का कुनबा मेरे अंदर खुद को सुरक्षित महसूस करता है। जब कभी तेज बारिश होती है, धूप होती है तो लोग मेरी छांव में खुद को बचाते हैं। मुझे खुशी होती है कि कुछ तो काम आ रहा हूं।
मैं अपने तैयार होने का लंबे समय से इंतजार कर रहा हूं। हर दिन, हर क्षण मुझे इंतजार रहता था कि कब मेरा निर्माण कार्य पूरा होगा। मैं जनता के काम आउंगा। पिछले 7 सालों में मैने रायपुर शहर के विकास कार्यों और यहां के बढ़ते ट्रैफिक को भी देखा है।
इस भीड़-भाड़ और गाड़ियों के बीच आज राहगीर सड़क पर ठीक से आना-जाना भी नहीं कर पाते हैं। नई सरकार के आने से मेरे निर्माण कार्य के लिए टेंडर निकाला गया है। मुझमें एक बार फिर उम्मीद जागी है। जल्द मेरे अस्तित्व की लड़ाई खत्म होगी।
अब जानिए स्काई वॉक निर्माण से क्या बदलेगा…
अंबेडकर अस्पताल के मरीज स्काई वॉक से ट्रैफिक में फंसे बिना डीकेएस अस्पताल पहुंच सकेंगे। इसके लिए दोनों अस्पतालों को जोड़ने वाली जगह पर लिफ्ट लगाई जाएगी। स्काई वॉक का एक हिस्सा डीकेएस अस्पताल परिसर में उतरता है।
स्काईवॉक में शास्त्री चौक वाले हिस्से पर रोटरी बनेगी। पूरे चौक पर किसी भी हिस्से में लोग चढ़- उतर सकेंगे। कई हिस्से में गर्डर तक काम हो चुका है। इसके ऊपर फ्लोरिंग कर आरसीसी स्लैब डाला जाएगा। स्लैब के ऊपर टाइल्स और दोनों किनारों पर स्टील की रेलिंग लगाई जाएगी।
बारिश और धूप से बचाने के लिए ऊपरी हिस्से में पॉली-कार्बोनेट शीट लगाई जाएगी। आस-पास सरकारी दफ्तरों में आने-जाने वालों को राहत मिलेगी। सात साल पहले कराए गए एक सर्वे में ये बताया गया था कि शास्त्री चौक के चारों ओर रोज औसतन 40 हजार से ज्यादा लोग पैदल सफर करते हैं।
इन जगहों पर लगेंगे 12 एस्केलेटर
घड़ी चौक के पास
रेरा ऑफिस के पास
डीकेएस के सामने
तहसील ऑफिस के सामने
शहीद स्मारक के पास
मल्टी-लेवल पार्किंग
जिला न्यायालय परिसर
पुराने जेल मुख्यालय भवन के पास
डेंटल कॉलेज की ओर
अंबेडकर अस्पताल के पास
सेंट्रल जेल के सामने
नोट- इन स्थानों पर एस्केलेटर के साथ सीढ़ी भी रहेगी
स्काई वॉक की अभी ये हालत
जय स्तंभ चौक पर स्थित मल्टी-लेवल पार्किंग से शास्त्री चौक और अंबेडकर अस्पताल के गेट तक स्काई वॉक का स्ट्रक्चर तैयार है। पीडब्ल्यूडी के अफसरों की जांच में पता चला है कि इस ब्रिज से कई जगहों से एसीपी शीट, एल्यूमीनियम फ्रेम और डिवाइडर रेलिंग चोरी हो गए हैं।
ब्रिज में लगे स्टील और नट बोल्ट सही हैं। वेल्डिंग, पेटिंग, फ्लोरिंग, हुड और फ्लोरिंग फिक्सिंग का काम अधूरा है। खुले में होने की वजह से बारिश और गर्मी के कारण कई हिस्से में जंग भी लग गई है। इससे स्ट्रक्चर की मजबूती पर असर पड़ सकता है। सेतु निगम की टीम ने पूरी जांच कर रिपोर्ट सौंप दी है।