अंतागढ़
अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से लोगों को है शिकायत
यह अंतागढ़ में बारिश होती है तब लोगों को सड़क के गढ्ढों में भरे कीचड़ और गंदे पानी से जूझना पड़ा, बारिश के थमने के बाद कीचड़ के सूखने की स्थिति में हालत और बदतर हो होने लगते हैं।
सड़क के गढ्ढों में जमा कीचड़ अब सूखकर धूल बनकर लोगों के फेफड़ों को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, इस धूल के गुबार के ज्यादा शिकार स्कूली बच्चे और अंतागढ़ मुख्य मार्ग में व्यापार करने वाले बच्चे ज्यादा हो रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को लोगों को होने वाली इस परेशानी से कोई सरोकार नहीं है।
स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, चारगांव माइंस से निकलने वाली भारी वाहनों के चलने से उड़ने वाली धूल इन मासूम बच्चों के फेफड़ों को बीमार करने के लिए पर्याप्त है।
अंतागढ़ स्टेट हाइवे में पुल को विभाग के ठेकेदार द्वारा तोड़ दिया गया था, मजबूरी में लोगों को बायपास सड़क जो सिंगल लेन की है और कीचड़ व गड्ढों से भरी हुई है उस सड़क से आवागमन करना पड़ रहा है, निजी स्कूल के बच्चे भी इसी सड़क से हादसों से खुद को बचाते हुए आने को विवश हैं।
बता दें अंतागढ़ के स्थानीय विधायक और सांसद दोनों होने के बावजूद अंतागढ़ के मुख्य मार्ग का ऐसा हाल होना इन जनप्रतिनिधियों के ऊपर सवाल उठता है, वही लोगों का कहना है कि पार्टी चाहे जिसकी हो स्थिति वैसी ही रहती है, कांग्रेस के अनूप नाग जो अंतागढ़ के ही थे उनके विधायक रहते हुए भी सड़कों का हाल ऐसा ही था, और आज पुनः जब सांसद और विधायक अंतागढ़ के हैं फिर भी सड़कों का हाल बद से बदतर हो गया है।
लोकनिर्माण विभाग की अनुविभागीय अधिकारी का एक ही जवाब होता है बजट नहीं है, और उधार में काम चल रहा है, अब लोगों ने उंगली उठानी शुरू कर दी है कि ऐसे निष्क्रिय अधिकारी कर्मचारियों को किसके संरक्षण में पंद्रह सालों अंतागढ़ में ही बिठाए रखा गया है।
स्वामी आत्मानंद स्कूल सागर दुग्गा ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि वे रोजाना ग्राम कामता से स्कूल आते हैं, बारिश के पानी की वजह से कीचड़ से कपड़े खराब हो जाते हैं वही जब कीचड़ सूखता है तो पूरा शरीर धूल धूल हो जाता है, आंखों में जलन होने लगती है।
इन सब विषयों में बात करने के लिए विभाग की अनुविभागीय अधिकारी से संपर्क करने पर उनका फोन अक्सर बंद मिलता है, शायद ठेकेदारों और बड़े अधिकारियों के लिए अलग नंबर की व्यवस्था होगी।
बहरहाल स्थित दयनीय है बावजूद पार्टी चाहे जिसकी रही हो संबंधित प्रतिनिधियों ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया, आज पूरे क्षेत्र के लोगों सहित सड़क के किनारे व्यापार करने वाले सभी परेशान हैं, और खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं