राकेश नायक ,ट्रैक सीजी न्यूज, विशेष संवाददाता ,गुजरात
25 प्रशिक्षित पशुचिकित्सक अब पशुचिकित्सकों और दुग्ध उत्पादकों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेंगे
पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के संयुक्त मार्गदर्शन में ए-हेल्प कार्यक्रम के तहत एवं पशुपालन विभाग के सहयोग से साबरकांठा आरसीटी प्रशिक्षण केंद्र में 16 दिवसीय ए-हेल्प प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन क्षेत्र में सुधार लाने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रशिक्षण के दौरान पशु स्वास्थ्य, पशु पोषण, पशु प्रजनन और दूध की गुणवत्ता में सुधार जैसे विषयों पर पशु प्रेमियों को व्यापक मार्गदर्शन दिया गया पारंपरिक तरीकों से पशुओं की ईयर टैगिंग, टीकाकरण, प्राथमिक चिकित्सा और घरेलू उपचार।
कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, पशुसाखी ने सेबर डेयरी हिम्मतनगर, कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ब्रह्मा, वर्मी कंपोस्ट यूनिट लक्ष्मीपुरा, कामधेनु विश्वविद्यालय राजपुर, पशु चिकित्सा क्लिनिक अगियोल, हिम्मतनगर-जामला गिर गाय अस्तबल और देरोल गिर गाय फार्म जैसे स्थानों का दौरा किया।
ए-हेल्प कार्यक्रम पशुपालन क्षेत्र में एक नई पहल है। इस प्रशिक्षण में कुल 25 पशुपालकों ने भाग लिया। नौ प्रशिक्षित ए-हेल्प कार्यकर्ता अब पशु चिकित्सकों और डेयरी किसानों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेंगे।
कार्यक्रम में जिला ग्राम विकास अभिकरण के निदेशक के. पी. पाटीदार, एनडीडीबी से हितेंद्रभाई राठौड़, एपीएम जितेंद्र पटेल, डाॅ. मनीष पटेल, डाॅ. दिलीप पटेल, मूल्यांकनकर्ता डॉ. सचिन चौधरी एवं आरएसईटीआई निदेशक तुषार प्रजापति उपस्थित थे।