तनुज सरकार ।
पखांजूर जहा एक और प्रधानमंत्री श्री योजना की लहर की गूंज सरकारी स्कूलों की अच्छी तस्वीर बना रही है जिसमे बच्चो को सरकारी स्कूलों में डिजिटल क्लास ,स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम ऐसे बाते किए जा रहे है वही उसकी जमीनी सचाई का खुलासा कांकेर जिले के बांदे क्षेत्र के बेटिया के प्रथामिक और माध्यमिक स्कूलों जर्जर हालत सारे हकीकत को बया करती है एक और पड़ेगा इंडिया तो तभी तो बड़ेगा इंडिया का नारा हर जगह गूंज रहा है आज बांदे के पीवी 94 के प्रथामिक शाला कई सालो से आंगनबाड़ी केंद्र में संचालित हो रही है और माध्यमिक शाला का आलम तो देखते बनता है जहा एक ही तालपत्री के नीचे कक्षा छटवी, सातवी,आठवी की कक्षा एक साथ एक छोटे से जगह में संचालित है स्कूल के सभी कमरों की हालत बत से बत्तर है स्कूल के कार्यालय से लेकर रसोई घर जहा मधायन्य भोजन बनता है तालपत्री के भरोसे पिछले तीन सालों से अधिक दिनों से ऐसे ही हाल में है शिक्षा विभाग की चुप्पी आज कही न कही शिक्षा की सुदूर इलाके स्कूलों की सच्चाई बया कर रही हैं ग्रामीणों और शिक्षको द्वारा कई बार शिकायत के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है
बाइट– ग्रामीण तापस मिस्त्री का कहना है की गांव वालो के पास अभी कोई और विकल्प नहीं मजबूरी में पालकों को अपने बच्चो को ऐसे जर्जर हालत में और अवयस्थित स्कूल में अपने बच्चो को भेजना पड़ रहा है। अभी तक कई सरकारें आईं गई मगर किसीने इसकी सूद नहीं ली
बाइट – शिक्षिका गीतांजली सानिल का कहना है की विगत तीन चार सालो से स्कूल की ऐसी हालत बनी हुई है जिसमे बच्चो को तालपत्री लगे होने के कारण बारिश की आवाज में सुनने में काफी दिक्कत होती हैं ओर पानी की समस्या बनी रहती है
शिवसेना प्रदेश महासचिव संत उइके और उनके सदस्यों द्वारा स्कूलों का दौरा कर ग्रामीणों को जल्द ही इस समस्या ने निजात दिलाने की बात कही गई एवं शिक्षा के मंदिर की ऐसी हालत को देखकर उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर बड़े आंदोलन की चेतावनी शासन प्रशासन को दी है ।