अंतागढ़
अंतागढ़ ब्लाक का ग्राम पंचायत बोंदानार इस पंचायत के आश्रित गांव में घोटूलबेडा, हवेचूर, एवं बर्रेबेड़ा हैं।
यहां बताना लाजमी है की ग्राम बोंदानर के आश्रित गांव घोटूलबेड़ा में विधायक विक्रम देव उसेंडी का गृह ग्राम भी है।
बावजूद इसके जल जीवन मिशन के तहत बोंदानार ग्राम पंचायत की किसी भी आश्रित गांव में लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच सका है।
बता दें जल जीवन मिशन के तहत समस्त घरों में कार्यरत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से जल प्रदाय किया जाना है विडंबना यह है की ग्राम पंचायत बोंदानार के किसी घर में इन बालों से बूंद भर पानी नहीं निकल रहा है।
वहीं ग्राम पंचायत बोंदानार की बात करें तो ग्राम बोंदानार के लिए ही विभाग के इंजीनियर ने गौरव कंशट्रकशन को दिनांक 27/02/2024 को तेवीस लाख इंकावन हजार चार सौ उन्नतीस रुपए एम बी क्रमांक 1155 एवं दूसरी किश्त ग्यारह लाख पचहत्तर हजार सात सौ पंद्रह रुपए 29/04/2024 को कर दिया कुल 35,27,145 लाख की राशि कार्य के शुरुआत में ही संबंधित ठेकेदार को कर दिया गया। जबकि इस कार्य की संभावित लागत ही 39.35 लाख रुपए है।
अब ग्राम बोंदनार के लोगों के घरों में पानी नहीं आ रहा है किंतु लोगों को इस विषय की जानकारी हो नही थी की संबंधित ठेकेदार को इस कार्य के ना होने की स्थिति में भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के इंजीनियर और अधिकारी ने अस्सी प्रतिशत से अधिक का भुगतान कर दिया है।
अब जब इस विषय में लोगों को थी जानकारी मिली है तो लोगों का कहना है वो इस विषय में संबंधित ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कलेक्टर सहित थाने में शिकायत करेंगे।
घोटूलबेडा निवासी दशमू राम मंडावी का कहना है की उन्हें पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जल जीवन के नल का टोंटी घर में लगा दिया गया है किंतु महीनों बीत गए पर पानी आज तक एक बूंद नहीं आया।
वहीं ग्राम के पटेल लक्ष्मण कोमरा का कहना है की मेरे घर के सामने ही जल जीवन मिशन का ढांचा खड़ा किया गया है पर कुछ कदम की दूरी पर मेरे घर में पानी नहीं आ रहा है तो बाकी मोहल्ले और घरों की बात ही छोड़ दीजिए।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के इंजीनियर ने कैसे ठेकेदार को कार्य करने के पहले ही भुगतान कर दिया, यहां बताना जरूरी है की यह इंजीनियर वही है जिसने लोक निर्माण विभाग में कुछ सालों पहले फर्जी माप पुस्तिका बनाकर दिया था जिससे बिना कार्य के 44 लाख का भुगतान रायपुर के ठेकेदार को कर दिया गया इस कार्य में तत्कालीन एसडीओ नामदेव सहित विभाग के ईई आई पी मंडावी को निलंबित किया गया था किंतु इस इंजीनियर को बचा लिया गया था।
अब सोचने वाली बात यह है की क्या जिस ठेकेदार को ज्यादातर भुगतान कर दिया गया है क्या वो इन कार्यों को पुनः कराएगा या विभाग इस कार्य के लिए पुनः निविदा निकाल कर शासन के पैसों का बंदरबाट करेगी।
इस विषय में विभाग के ईई भोयर ने कहा इस विषय में संज्ञान लूंगा, जिस ठेकेदार को भुगतान किया गया है उससे कार्य पूर्ण कराया जायेगा, साथ ही जिस भी विभाग के कर्मियों द्वारा जल जीवन मिशन में अनियमितता की जा रही है उसपर कार्यवाही की जाएगी।