महेंद्र श्रीवास्तव
केंद्र सरकार तथा प्रदेश सरकार के द्वारा आए दिन नई-नई घोषणाएं की जा रही है परंतु घोषणाओं की विपरीत ही प्रशासन के द्वारा कार्य किया जा रहा जिसका प्रमाण यह है कि अनूपपुर जिले में शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले शिक्षण संस्थानों में इस प्रकार से भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है प्राइवेट स्कूलों में तो जिस प्रकार से नव निहालों के लिए स्कूली बसों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है उसे पर इतना भररे शाही नजर आता है कि स्कूलीबसों में बच्चों को ठुस ठुस कर भरा जाता है बच्चों के अभिभावकों के द्वारा इस पर कई बार आपत्ति दर्ज कराई गई है परंतु न जाने प्रशासन नव निहालों की खून से क्या अपनी प्यास बुझाएगी इस पर कभी भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है आए दिन कहीं ना कहीं शिक्षण संस्थानों में कई प्रकार की अपराधिक घटनाएं देखने को मिल रही है वहीं अनूपपुर जिले की कल्याणिका शिक्षा निकेतन पटना राजेंद्र रम स्कूली बस में इस प्रकार से बच्चों को भर जाता है जैसे बच्चों की जगह कूड़ा कचरा भरा गया हो जब इस संबंध में कल्याणी का शिक्षा निकेतन से संपर्क किया गया तब उनके द्वारा यह बताया गया है कि निश्चित ही हर वर्षों में 15 से 20 बच्चे अधिक जाते हैं परंतु जब यह संबंध में इस बात की गई जिस पर लगभग 60 से 70 बच्चे ठोस ठोस कर भरा हुआ देखा गया तब उनके द्वारा टालमटोल जवाब दिया गया परंतु क्या अनूपपुर प्रशासन इस और क्या कभी ध्यान दी या फिर अनूपपुर जिला यातायात प्रभारी के द्वारा इस पर कभी कोई निगरानी रखी गई या फिर इन सभी के द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है या फिर केवल न केवल वसूली तक ही सीमित रहते हैं उच्च अधिकारियों को इस पर क्या ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है यदि नहीं है तो यह समझ जाएगा कि प्रशासन निश्चित ही नव निहालों की खून की प्यासी है जिससे कोई बड़े घटना के इंतजार में है बच्चों के अभिभावकों को भी तत्काल इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है शिक्षा के मंदिर में भेजने वाले अपने बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाए तथा बच्चों को समझाइए दी जाए की जान से बढ़कर कुछ नहीं है यदि अभिभावकों को अपने बच्चों पर थोड़ा सा भी मोह ममता है तब वह ऐसे शिक्षण संस्थानों में भेजने से बच्चे क्योंकि मध्य प्रदेश में तथा केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तथा उनके मुखिया आए दिन नई-नई घोषणाओं से आम जनमानुष को लुभावने वादे कर अपनी ओर आकर्षित करते हैं परंतु इन बच्चों का भविष्य प्रशासन के द्वारा अंधकार में डाला जा रहा है इसका निश्चित ही दोष प्रदेश के मुखिया व केंद्र के मुखिया को ही माना जाएगा यदि समय रहते अभिभावकों के द्वारा त्वरित उचित कार्रवाई नहीं कराई गई तो निश्चित ही आने वाले समय पर पछतावा करने के अलावा कुछ ना रहेगा अभी भाव को चाहिए कि तत्काल इस ओर एकजुट होकर बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर त्वरित कार्यवाही करने की आवश्यकता है