अकलसरा केकराभाठ पहुँच मार्ग का मामला
सक्ती/ट्रैक सीजी/अवधेश टंडन।
पूरा भारत आजादी के 75 वर्ष पुरे होने का अमृत महोत्सव मना रहा है। जिले में भले ही पक्की सड़क का जाल बिछ गया हो और सड़कों पर बड़ी बड़ी गाड़ियाँ तेज रफ्तार में चल रही हो, लेकिन जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहाँ आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक पक्की सड़क तक नहीं बनी। जिसकी वजह से विकास की बात करना यहाँ के लोगो को बेमानी लगती है। दरअसल पूरा मामला जैजैपुर विकासखंड के अकलसरा से केकराभाठ पहुंच मार्ग की है जिसकी दूरी लगभग दो किलोमीटर है।जिसमें बरसात के दिनों में कीचड़ रहता है और बाकी दिनों में धूल से राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ग्राम अकलसरा में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है जहां केकराभाठ सलिहाभांठा एवं आसपास के बच्चे भी इसी रास्ते में गुजर कर पढ़ने जाते हैं कीचड़ की वजह से उनको लेट भी होता है और उनके कपड़े भी खराब होते हैं साथ ही गिरते भी है लेकिन कोई सुध लेने वाला नही है आजादी के 75 वर्षों बाद कई सांसद, विधायक आए और गए लेकिन किसी ने भी ध्यान नही दिया है।
भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पक्की सड़क बनाने की किया था घोषणा
बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत कांशिगढ़ में अकलसरा केकराभाठ पहुंच मार्ग को पक्की सड़क बनाने का घोषणा किया था लेकिन दो लाख साठ हजार रुपये की स्वीकृति भी किया था जिसे सरपंच सतकुमारी नायक ने मुश्किल से 50 मीटर सीसी रोड बनाकर इतिश्री कर लिया गया है जबकि दूरी दो किलोमीटर है। अब देखना होगा कि वर्तमान विधायक और सांसद इस मार्ग को संज्ञान लेकर बनवाते हैं या फिर पूर्व विधायक सांसदों की तरह वर्तमान विधायक और सांसद भी ध्यान नही देते हैं।
मेरे द्वारा कलेक्टर को सड़क बनाने के लिए आवेदन दिया गया है। स्वीकृति मिलने के बाद जरूर बनेगा।
सतकुमारी नायक
सरपंच अकलसरा