ट्रैक सीजी ब्यूरो बीजापुर जरखान
जिले के विकास खंड भोपालपटनम के बालिका पोटाकेबिन तारलागुड़ा में दूसरी कक्षा में अध्यनरत एक मासूम बालिका की मौत हो गई। बताया जा रहा है की छात्रा मलेरिया से पीड़ित थी। उसका इलाज जगदलपुर के मेडिकल कालेज में चल रहा था। इलाज के दौरान शुक्रवार को मासूम ने दम तोड़ दिया। लगातार पोटाकेबिन अधीक्षकों की लापरवाही की खबरें आ रही सामने, तबियत बिगड़ते ही अधीक्षक ने छात्र को परिजनों के हवाले कर दिया। ज़्यादा तबियत ख़राब होने की वजह से इलाज के दौरान हुई मौत। लगातार खबरों के बाद भी नहीं सुधर रही व्यवस्थाऐ। इलाज जगदलपुर के मेडिकल कालेज में चल रहा था। इलाज के दौरान शुक्रवार को मासूम ने दम तोड़ दिया। पोटाकेबिन तारलागुडा के दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली थी छात्रा
जिले में इससे पहले भी हो चुकी है पोटाकेबिनो वा आश्रमओं में छात्र – छात्रों की कई मौतें – विदित हो की जिले में कुल 34 बालक – बालिका पोटाकेबिन एवं ट्राईवाल आदिवासी के आश्रम छात्रावास 188 संचालित है जहाँ पर हजारों की संख्या में बच्चे रहकर शिक्षा ग्रहण करते है ऐसे में पहले भी कई बार यहाँ पढ़ने वाले छात्र – छात्राओं की बीमारी व कई कारणों से मौत हुई है। कई बार अधीक्षको की लापरवाही से मौते हुई है तो कई बार अधीक्षकों ने समय रहते बच्चों को सही इलाज करवाकर उनकी जान भी बचाई है।
राजीव गांधी शिक्षा मिशन के डीएमसी एम. वेंकटेश्वर राव ने बीजापुर ट्रैक सीजी को बताया।
बालिका दीक्षिता रेगा उम्र 8 वर्ष 7 जुलाई को पोटाकेबिन में आई थी 8 व 9 जुलाई को वह पोटाकेबिन में थी 10 जुलाई को उसके माता-पिता लेने आये बच्ची के पालक ने अधिक्षिका से सहमति पत्र भी दिया की वो बच्ची को अपने साथ ले जाएंगे करके। उसके बाद बच्ची का इलाज बीजापुर जिला अस्पताल में भी चला। बच्ची की हालत काफ़ी बिगड़ने के बाद उसे जगदलपुर के मेडिकल कालेज रिफर किया गया जहाँ बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
वहीं डीएमसी राव ने बताया की कल ही मैं तारलागुड़ा पोटाकेबिन के दौरे पर था सभी बच्चों से मुलाक़ात की और सभी बच्चों से सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने के लिए कहा था वहीं अधिक्षिका को भी निर्देश दिया गया था की सभी बच्चे शयन कक्ष में मच्छरदानी का प्रयोग करें और आस – पास साफ – सफाई का भी व्यवस्था अच्छा रखने को सुनिश्चित करने को भी कहा गया था।