2009 से आज तक पंद्रह वर्षों से विभिन्न आयोजनों के माध्यम से जीवित रखी है अपने पिता की यादें, उनके साथ बिताए पल और उनके विचारों को
दुर्ग (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख)
एक शाम पिता के नाम..संस्कार जो बच्चों में झलकता है,,2009 से आज तक पंद्रह वर्षों से विभिन्न आयोजनों के माध्यम से उनकी संतानों ने उनकी यादों को जीवित रखा है अपने पिता की यादें, उनके साथ बिताए पल और उनके विचारों को..और वह शख्सियत है गौंटिया नारायण दास साहू मुरमाडी वाले जिनके पुण्य स्मरण दिवस पर परिवार जनों के आग्रह पर पधारे परिक्षेत्रीय साहू समाज न्यू आदर्श नगर दुर्ग के अध्यक्ष डी आर साहू ने कहा कि गौंटिया जी को मैंने नहीं देखा है किन्तु उनकी संतानें हर्ष, सीमा के व्यक्तित्व को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे कितने परोपकारी व्यक्ति रहे होंगे। सदगुरु कबीर आश्रम के अध्यक्ष लेखराम साहू ने भी कबीर आश्रम के प्रति सकारात्मक सोच को ध्यान में रखते हुए अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए, श्रीमती मधु गजपाल छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ प्रतिनिधित्व के तौर पर इस अवसर पर भाव विभोर होते हुए अपने पिता को स्मरण किया।
जिला साहू संघ भिलाई नगर से थंगेशवर कुमार साहू ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में ऐसी संताने बिरले ही मिलती हैं जो माता पिता की जीतें जी निष्ठा से सेवा करते हैं और उनके स्वर्गवासी होने पर भी पुण्यतिथि को स्मरण दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मना कर स्मरांजली देते हैं,अपने सेवा भाव से उनकी पुनित थी पर विभिन्न आयोजन कर उन्हे उनकी यादों को संजोए रखे हैं ये अनुकरणीय है।
सर्व डीपी साहू, खुमान सिंह सोनबोइर, सीता राम साहू पूर्व अध्यक्ष साहू मित्र सभा भिलाई,योग शिक्षिका सरिता साहू,तारा साहू, राजेश्वरी साहू संयोजिका ,उर्मिला सोनबोइर उप संयोजिका, अधिवक्ता ललित साहू, शिक्षक एच एल साहू, ,लोमन साहू, मेघनाथ साहू ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के परिवेश में अपने माता-पिता को स्मरण कर इस प्रकार के स्मरण दिवस मनाना निश्चित अनुकरणीय है ।
इस अवसर पर गौंटिया परिवार से श्रीमती लक्ष्मी नारायण साहू, माधुरी चंद्रहास साव, सीमा रवेन्द्र साहू,हर्ष देव साहू, चित्रा साहू,कनीष कान्हा साहू,आयुष कुमार साहू, प्रथम साहू एवं मास्टर आर्यन साहू प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन हर्ष देव साहू, एवं आभार प्रदर्शन अनिल कुमार साहू सचिव परिक्षेत्रीय साहू समाज न्यू आदर्श नगर दुर्ग द्वारा किया गया।
उन्होंने बताया की जिस तरह खुशियों के पल मे पिता ने हमारा जन्मदिन मनाया, हम बच्चे हर बरस पिता की पुण्यतिथि मनाते है. और उनकी पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण, वृद्धा आश्रम में जाकर सेवा, नेत्रहीन विद्यालयों में सहयोग एवम वृहद वृहद आयोजन अपने पिताजी की पुण्यतिथि पर हर वर्ष 2009 से आज तक पंद्रह वर्षों से लगातार मनाते आ रहे है और यह क्रम आगे भी जारी रखने की बात उन्होंने कही।