तिल्दा नेवरा ट्रैक सीजी न्यूज़ रिपोर्टर शेखर यदु
शासकीय शराब दुकान के चकना सेंटर में सुविधा के नाम पर लोगों के साथ छलावा
तिल्दा-नेवरा थाना क्षेत्र में संचालित अलग अलग शराब दूकान कैंपस में दो युवकों की मौत हो गई है । मौत की वजह की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है , लेकिन मौत की वजह बढ़ती गर्मी के ग्राफ को माना जा रहा है । बता देवे कि तिल्दा-नेवरा थाना क्षेत्र में संचालित शराब दुकानों के कैंपस में एक ही दिन में अलग अलग दुकान के समीप दो युवक की मौत हो जाने की खबर सामने आयी है । तिल्दा-नेवरा के सरोरा मार्ग में संचालित शासकीय शराब दुकान के चखना सेंटर कैंपस में जहां एक ब्यक्ति की मौत हुई है । जिनकी उम्र लगभग 28 वर्ष आंकी जा रही है, मृतक का शिनाख्तगी बहरहाल नहीं हो पाया है ,वहीं बैकुंठ कंपोजिट शराब दुकान के समीप भी एक ब्यक्ति की मौत हुई है । जिसे तिल्दा-नेवरा निवासी सित्तु मसीह उम्र 35 वर्ष बताई जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि दोनों मामले पर मृतक युवकों ने शराब का सेवन कर गर्मी की तेवर को झेल नहीं पाया, और उनकी मौत हो गई ।,वहीं शासन के द्वारा मुनाफा के चलते चखना सेंटर की टेंडर ब्यवस्था पर भी उंगली उठ रही है, चखना सेंटर कैंपस जहां पर युवक की मौत हुई है । वहां पर चखना सेंटर के द्वारा ग्राहको को जो सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए ,वह पर्याप्त नहीं है ,शीतल पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं किया गया है । चकना सेंटर में ना तो कूलर की अवस्था है ना ही अन्य सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है जबकि शासन के नियमानुसार चकना सेंटर में संपूर्ण व्यवस्था कराए जाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है मौत के वजह का यह भी कारण हो सकता है । बहरहाल लोगों के सूचना पर शव को एंबुलेंस के द्वारा शासकीय अस्पताल ले जाकर शव को सुरक्षित रखा गया है ।वहीं पोस्टमार्टम के पश्चात कुछ खुलासा हो सकता है । वहीं शासन के द्वारा चखना सेंटर में ग्राहकों को दी जाने वाली सुविधा भी खोखली नजर आ रही है । कहां जा रहा है कि शराब दुकान के चखना सेंटर पर समुचित व्यवस्था को लेकर शासन द्वारा जारी गाइडलाइंस का परिपालन नहीं किया जा रहा है । वहीं आबकारी विभाग के जवाबदार अधिकारी पर भी उंगली उठ रही है ,चुंकि अधिकारी शराब दुकान कैंपस में ग्राहकों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है ,किस तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है ।इस मामले पर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं । यहां तक की लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मिडिया जगत का फोन भी इस क्षेत्र के आबकारी अधिकारी के द्वारा रिसिव नहीं किया जाता । यहां तक कि पत्रकारों का मोबाइल नंबर ही ब्लेक लिस्ट में डाल दिया गया है । जिससे जाहिर होता है कि , संबंधित विभाग के संक्षम अधिकारी कहीं ना कहीं अपने कर्तव्यों को लेकर लापरवाही बरत रहे है।