गौरव चंद्राकर महासमुंद
बागबाहरा ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर/महासमुंद जिला के बागबाहरा ब्लॉक अंतर्गत कोमाखान तहसील से लगे ग्राम पंचायत घोयनाबाहरा के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणजनों के द्वारा निर्माणाधीन तहसील के समीप कोमाखान निवासी मनोज ठाकुर के द्वारा फर्जी तरीके से बनाए गए पट्टे को निरस्त करने की मांग की गई है साथ ही साथ उक्त भूमि को अतिक्रमण से भी मुक्त कराने हेतु शासन प्रशासन को आवेदन दिया गया है। ग्राम पंचायत घोयनाबाहरा के खसरा नंबर 292(.28 हेक्ट.)एवं 293 (.73 हेक्ट.)कुल लगभग 2.5 एकड़ की जमीन जो की मुर्दा मवेशी के लिए आरक्षित एवं घास भूमि में दर्ज है उसे कोमाखान निवासी मनोज ठाकुर के द्वारा फर्जी तरीके से अपने नाम पर दर्ज करा लिया गया है,ग्राम पंचायत के द्वारा तीन बार नोटिस दिए जाने के पश्चात भी अभी तक उक्त व्यक्ति के द्वारा किसी भी प्रकार के वैध दस्तावेज उक्त भूमि के संबंध में पंचायत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है, ग्रामवासियों को यह शंका है कि उक्त व्यक्ति के द्वारा अपने पिताजी के पंचायत कार्यकाल में उनके शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए,तात्कालिक राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर उक्त भूमि को फर्जी तरीके से अपने नाम पर दर्ज कर लिया गया है,उक्त स्थल से लगकर ही आज नूतन तहसील कोमाखान का विशाल एवं भव्य तहसील कार्यालय बनाया जा रहा है भविष्य में जनसुविधा एवं शासकीय कार्यों हेतु पंचायत द्वारा उक्त भूमि को चिन्हांकित किया है।उक्त व्यक्ति के द्वारा पंचायत के जनप्रतिनिधियों,शासकीय कर्मचारी एवं ग्रामीणजनों को अतिक्रमण के कार्य में बाधा न डालने के लिए धमकाया चमकाया जा रहा है एवं उनके खिलाफ विभिन्न शासकीय विभागों में मनधड़क आरोप लगाकर झूठा आवेदन दिया जा रहा है,इस बात की जानकारी भी आवेदन के माध्यम से पंचायत के सदस्यों के द्वारा पुलिस थाना कोमाखान में दे दी गई है।
ग्राम पंचायत घोयनाबाहरा के द्वारा तहसीलदार कोमाखान,अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,बागबाहरा एवं जिलाधीश महोदय को इस विषय में आवेदन दिया जा चुका है प्रशासन द्वारा उक्त विषय पर शीघ्र ही कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया गया है एवं पंचायत को पंचायत अधिनियम अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करने हेतु दिशा निर्देश दिया गया है।
ग्रामवासियों ने शीघ्र ही उक्त जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु मांग की है,निर्माणाधीन तहसील के समीप रोड से लगे हुए उक्त महत्वपूर्ण स्थल के अतिक्रमण से मुक्त न होने की स्थिति में ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन धरना प्रदर्शन,चक्का जाम एवं आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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