- जिले में बाल विवाह का ग्राफ नग्णय हो इस दिशा में सकारात्मक कदम उठा रहा है जिला प्रशासन
शशी रंजन सिंह
सूरजपुर (ट्रैक सी.जी. जिला ब्यूरो चीफ) :– आमापारा जयनगर कोरया में कुछ दिन पूर्व एक जोड़ा विवाह के बंधन में बंधने जा रहा था। सूत्रो के हवाले से बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल के पास सूचना आई कि सम्पन्न होने वाला विवाह, बाल विवाह है। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन द्वारा विकासखण्ड स्तरीय उड़तदस्ता की टीम गांव आमापारा में पहुंची। जहां नाबालिक लड़की के परिवार से विवाह के संबंध में जानकारी ली गई और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी उन्हे देते हुए, उन्हे विवाह रोकने की समझाईश दी गई। परिवार जन द्वारा सहमती दी गई, जिसके बाद टीम वापस आ गई। इसके पश्चात् भी बाल संरक्षंण ईकाई द्वारा लगातार विवाह के संबंध में जानकारी ली जा रही थी। पुनः गुप्त सूत्र के हवाले उन्हे पता चला कि लड़के पक्ष में विवाह की तैयारी यथावथ की जा रही है, जिसकी पुष्टी के लिये पुनः बाल संरक्षण इकाई द्वारा जानकारी इक्ठ्ठा की गई जब विवाह की तैयारी के पुख्ता प्रमाण मिलें तब बाल संरक्षण ईकाई द्वारा नाबालिक लड़की को रेस्कयू कर सूरजपुर लाया गया और सखी सेंटर में 06 दिवस तक रखा गया। इसके पश्चात् नाबालिक व उसके परिवार को आज न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। जहां समिति के अध्यक्ष गोरे लाल राजवाडे एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जयसवाल द्वारा परिवार एवं बालिका को पुनः समझाईश दी गई। जिसे मानते हुए परिवार द्वारा नाबालिक लड़की को उसके उज्जवल भविष्य के लिए आगे पढ़ाने का निर्णय लिया गया है। लडकी ने भी आगे पढ़ने की अपनी इच्छा जाहिर कि है। इसके साथ ही पढ लिखकर वह सरकारी नौकरी करना चाहती है व अपने पैरो में खड़ा होना चाहती है।
जिला प्रशासन बाल विवाह को लेकर काफी सख्त है, इसके साथ ही जिले में बाल विवाह का ग्राफ नग्णय हो इस दिशा में सकारात्मक कदम उठा रहा है। कलेक्टर द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये है ताकि बाल विवाह कुरीति को समाप्त किया जा सके।