इन्ट्रो । पहली बार विप्र समाज द्वारा किसी संस्था ओर किसी व्यक्ति से धार्मिक आयोजन के नाम पर एक भी पैसे का चंदा नहीं लिया गया है , राजनीति से परे और बिना कोई चंदा लिए केवल धार्मिक आयोजन किया जा रहा है। भगवान परशुराम भार्गव वंश में जन्मे भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं,उनका जन्म त्रेता युग में हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी।भगवान परशुराम भगवान शिव और भगवान विष्णु के संयुक्त अवतार माने जाते हैं। शास्त्रों में उन्हें अमर माना गया है।
अनूपपुर । जिले के विप्र समाज के संयोजक रामनारायण द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया की कल 10 मई शुक्रवार को शनिधाम चेतना नगर अनूपपुर में भगवान परशुराम की जयंती वैदिक मंत्रो द्वारा पूरे रीती रिवाज से मनाई जाएगी। इस अवसर पर अपरान्ह 03 बजे से वैदिक पूजन अर्चन ,04 बजे से सुन्दर काण्ड का सस्वर पाठ एवं सायं 06.30 बजे से प्रसाद (भण्डारा) वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। साथ ही जिले वासियों से धार्मिक कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या सपरिवार सहभागिता निभाने एवं भार्गव भगवान परशुराम जी का आशीर्वाद प्राप्त करने की अपील की है। उन्होंने बताया की जिले में ऐसा आयोजन पहली बार किया जा रहा है,इस आयोजन में विप्र समाज द्वारा किसी संस्था ओर किसी व्यक्ति से धार्मिक आयोजन के नाम पर एक भी पैसे का चंदा नहीं लिया गया है साथ ही यह आयोजन पूर्ण रूप से गैर राजनैतिक है,चंदा और राजनीतीकरण किसी समाज को तोड़ने का काम करती है इसलिए विप्र समाज ने सामूहिक निर्णय लिया है की ऐसे आयोजनों में किसी से एक रूपये का चंदा नहीं लिया जायेगा। मैं समाचार पत्र के माध्यम से जिले वासियो से पुनः यह अपील करना चाहता हु की परशुराम की जयंती में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हो जो ब्राह्मण आयोजन में शामिल नहीं हो सकते वे इस दिन सभीअपने घरों में पूजा-अर्चना कर शाम को दीप प्रज्ज्वलित करेंगे ।