कांग्रेस की मनमोहन सरकार में सोनिया गांधी द्वारा सत्ता का दोहन इस बात का प्रमाण की मनमोहन सिंह जी जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता को इन्होंने कठपुतली की तरह नचाया
भिलाई (ट्रेक सीजी न्यूज़/सतीश पारख) सोनिया गांधी सिर्फ एक सांसद थी कांग्रेस की ओर सरकार में प्रधानमन्त्री थे मनमोहन सिंह उस समय 10 साल तक सेना का हेलीकाप्टर और जेट हवाई जहाज निजी उपयोग के लिए प्रयोग करती रही और मीडिया को भनक भी नहीं? सोनिया गांधी केवल एक सांसद थी, इसके अतिरिक्त उनके पास कोई महत्व का संवैधानिक पद भी नहीं था तो फिर उन्हें सेना के हवाई जहाज के निजी उपयोग के लिए प्रयोग करने की अनुमति कैसे मिल सकती है, किसने दी यह अनुमति? केवल पाँच गैर सैनिक नागरिक लोगों को यह अधिकार होता है। वे होते हैं. 1. राष्ट्रपति 2. उपराष्ट्रपति 3. प्रधानमंत्री 4. रक्षा मंत्री 5. गृह मंत्री आपातकालीन स्थिती में मुख्यमंत्री को भी यह अनुमति मिल सकती है। सोनिया गांधी के पास इनमें से एक भी पद नहीं था लेकिन वे जब भी प्रचार को निकलती तो सेना का अपाचे हेलीकाप्टर या बाँम्बॉर्डिअर जेट ले जाती थी। अपाचे हेलीकाप्टर एक घंटे में 2000 लीटर जेट फ्यूएल लेता है। याने पायलट और अन्य स्टाफ के अलावा भी एक घंटे का 3 लाख रुपयों का खर्चा होता है । बाँम्बॉर्डिअर जेट तो स्पेशल डिजाइन किया हुआ है और फायटर जेट से इसकी उड़ान का खर्चा पाँच गुना अधिक होता है। केवल एक सांसद होते हुए भी सोनिया गांधी को निजी उपयोग के लिए ये हवाई जहाज किसकी अनुमति से उपलब्ध होते थे? क्यों आज तक मीडिया ने इस पर कभी आवाज नहीं उठाई? क्या ये भ्रष्टाचार नहीं या किसी मीडिया को देखने की इच्छा नहीं थी? भाजपा के सोसल मीडिया प्रभारी पूनम चंद सपहा ने कहा की आखिर किस ओहदे से सोनिया गांधी ने दस साल में जनता के पसीने के हजारों करोड़ रुपए यह हेलिकॉप्टर और विमान उपयोग कर उड़ा डाले क्या उस वक्त कांग्रेस को यह भ्रष्टाचार दिखाई नहीं दिया या यूं कहें कि भ्रष्टाचार का अभिप्राय ही कांग्रेस है जिसे सत्ता सिर्फ जनता के पैसे उड़ाने , एसो आराम करने और भ्रष्टाचार करने के लिए ही चाहिए इसका जवाब कांग्रेस जनता को दे ।
उन्होंने आगे कहा की कांग्रेस की मनमोहन सरकार में सोनिया गांधी द्वारा सत्ता का दोहन इस बात का प्रमाण की मनमोहन सिंह जी जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता को इन्होंने कठपुतली की तरह नचाया और उनका शोषण कर सत्ता का पूरा दुरूपयोग गांधी परिवार सहित उनके घटक दलों ने किया और खूब भ्रष्टाचार किया जो अब खुल खुल कर बाहर आ रहा है ।