सत्ता में रहते जमीनी कार्यकर्ताओं का काम ना होना उनकी पूछ परख ना होने से नाराज कांग्रेसी रुख कर रहे भाजपा की ओर
दुर्ग (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख ) लोकसभा चुनाव के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी ताबड़तोड़ तैयारी कर रही है तो वहीं कांग्रेस हौले हौले अपना कदम आगे बढ़ा रही है। भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उत्साहित है तो दूसरी ओर दुर्ग लोकसभा पर कांग्रेस एक-एक विधानसभा के मतों की समीक्षा कर रही है और आंकड़ों के ही आधार पर समीकरण फिट करने की कोशिश कर रही है
पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल एवं कांग्रेस की प्रतिमा चंद्राकर दोनों लोकसभा के लिए नए चेहरे थे। इस बार भी कांग्रेस के राजेंद्र साहू लोकसभा के लिए नए चेहरे हैं मगर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विजय बघेल वर्तमान सांसद है । पिछला चुनाव रिकॉर्ड 3 लाख 91 हजार मतों से जीते थे। 2019 के चुनाव में दोनों प्रत्याशी कुर्मी समाज के थे, तो इस चुनाव में कुर्मी और साहू प्रत्याशी आमने-सामने है । इसलिए भी मुकाबले की सिरत बदली हुई है।
दुर्ग लोकसभा में साहू समाज के 30% मतदाता रहते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू की अपने समाज में गहरी सामाजिक पैठ है । समाज के पदाधिकारियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि इसी 30% वोट बैंक को आधार मानकर आगे की रणनीति तय की जाए।
मालूम हो वैशाली नगर भिलाई नगर, पाटन आदि विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ज्यादा उम्मीदवान है। इसी तरह नवागढ़, बेमेतरा, अहिवारा, दुर्ग शहर व ग्रामीण में कांग्रेस अपनी संभावनाएं तलाश रही है । किंतु इन पांचों विधानसभा में भी वर्तमान में भाजपा के विधायक है और प्रदेश में भाजपा की सरकार के साथ साथ हिंदुत्व और मोदी आम मतदाताओं पर हावी है ।राम मंदिर का लाभ भी भाजपा को मिलता दिख रहा है ।
पिछले 5 साल में निवृत्तमान सांसद विजय बघेल की सक्रियता पर सवालिया निशान उठता रहा है।किंतु बड़ा क्षेत्र होने के कारण इसका कोई नुकसान होता दिखाई नहीं देता ।इसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में सबसे बड़ा फैक्टर मोदी का चेहरा है। मोदी का चेहरा बोल रहा है। पिछले चुनाव में प्रत्याशियों के चेहरे ज्यादा मायने न रखते रहे हो, मगर इस चुनाव में बड़े नेताओं के चेहरे सामने है।
फिर आयेंगे राम
भाजपा में अभी कार्यकर्ताओं की मीटिंग, रणनीतिक बिसात राजनीति बिछाने का दौर चल रहा है। 17 अप्रैल को रामनवमी है। भारतीय जनता पार्टी रामनवमी को भव्य तरीके से मना कर अयोध्या में राम मंदिर स्थापना की यादें ताजा करेगी। इसी तरह 23 अप्रैल को हनुमान जयंती पर वृहत आयोजन की तैयारी है। हनुमान जयंती का भव्य आयोजन कर धार्मिक अट्रैक्शन हासिल करने का प्रयास भारतीय जनता पार्टी हाथ से जाने नही देगी। भाजपा के नेता बताते हैं कि इन दोनों आयोजनों को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। विपक्ष जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे गाने और नारे को मुद्दा बनाकर यह कह रही है की राम हमे लाए है भला राम को कोई कैसे ला सकता है इस विषय पर भाजपा का रुख स्पष्ट है की यह एक भक्ति गीत के बोल है जो भक्त द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाया गया है ऐसा ना भाजपा ने कहा है ना मोदी योगी ने इसलिए विपक्ष के पास कोई मुद्दा ना होने से कुछ भी मुद्दे बनाकर अपने आप को बड़ा दिखाने का प्रयास कर रहा है जिसमे वो कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि धर्म निरपेक्षता की आड़ में सत्ता में रहते हिंदू और देश की संस्कृति को खत्म करने की कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों के पाप का पर्दाफास हो चुका है ।
इधर लौट आयेंगे भूपेश व ताम्रध्वज
दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को संपन्न हो जाएगा। दूसरे चरण के चुनाव में राजनांदगांव सीट पर से लोकसभा प्रत्याशी भूपेश बघेल एवं महासमुंद से ताम्रध्वज साहू का चुनाव समाप्त हो जाएगा । इसलिए यह दोनों नेता दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हो जाएंगे। इन दोनों नेताओं की सक्रियता राजेंद्र साहू की ताकत बढ़ाएगा। चुनाव के अंतिम हफ्ता में कांग्रेस अपना पूर्ण दमखम झोंक देगी । इसी समय निर्णायक स्थिति बनने की उम्मीद कांग्रेस नेताओं को है । तब कांग्रेस के कई बड़े लीडर भी दुर्ग आएंगे। राजनांदगांव व महासमुंद के बाद दुर्ग लोकसभा में दोनों नेता अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे।
जमीन पर बदले है हालात
पिछले लोकसभा चुनाव में विधानसभा दुर्ग व दुर्ग ग्रामीण सहित बेमेतरा में कांग्रेस प्रत्याशियों को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था । यद्यपि लोग इसे भाजपा की जीत कहते हैं, मगर जानकार बताते हैं कि भाजपा की जीत के बजाय इसे कांग्रेस की हार कहना ज्यादा मुनासिब होगा । क्योंकि यह एक परंपरावादी पराजय का क्रम था। इस समय लोगों में कांग्रेस के खिलाफ अंडर करंट आक्रोश था । किंतु विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की गद्दी सरकने के बाद आमजन नरम हो चुके हैं। बहुत से लोग कुछ मिस जैसा कर रहे हैं और न्यूट्रल रवैया अख्तियार कर किए हुए हैं। ऐसा नहीं है कि पिछले चुनाव में भाजपा को एक तरफा वोट गए थे तो इस चुनाव में भी भाजपा को ही मतदाता एकतरफा समर्थन देंगे किंतु इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता की इंडी गठबंधन और कांग्रेस में लगातार टूट के चलते आम मतदाताओं का झुकाव स्वमेव ही मोदी की ओर जाता है जिसका पूरा फायदा भाजपा और उनके गठबंधन दलों को होता दिख रहा है ।
सत्ता जाते ही अनेक कांग्रेसियों का मोहभंग ,भाजपा प्रवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के रहते अनेक कांग्रेसी जो फ्रंट लाइन में थे उनका भी सता के जाते ही मोहभंग हो चुका है वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाते अनेक वरिष्ठ और कनिष्ठ कांग्रेसी भाजपा में प्रवेश ले रहे है ऐसे जमीनी कार्यकर्ताओं की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है जिनका कथन है की सता में आते ही कांग्रेस नेताओं ने जमीनी कार्यकर्ताओं को किनारे लगाने का काम किया है और दलालों से घिरे रहे हैं पंद्रह साल बाद सत्ता आने के बाद भी किसी कांग्रेसी कार्यकर्ता का कोई काम नही हुवा है जिससे उनमें भी भारी रोष देखा जा रहा है और वो भी भाजपा की ओर रुख कर रहे है ।