बिलासपुर। विनोद बघेल,ट्रैक सीजी – मस्तूरी परियोजना कार्यालय हमेशा से ही अपनी करगुजारियों के लिए बदनाम रहा है कुछ दिनों पूर्व दर्रीघाट की एक सुपरवाइजर को लेकर मस्तूरी एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना रहा है। और अब आचार संहिता के पूर्व एकीकृत महिला एवं बाल विकास बिना ज्वाइनिंग लेटर दिए ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को ज्वाइनिंग देकर चर्चा में आ गया है। विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को पूरे दिन ज्वाइनिंग की प्रक्रिया जारी रही इतना ही नहीं इसके लिए बाकायदा ऑफिस में पदस्थ एक बाबू ने सुपरवाइजर और डीपीओ सीडीपीओ के नाम से चढ़ावा भी चढ़वाया जो हजारो में था।बता दें कि विगत माह पूर्व एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय मस्तूरी से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे जिसके लिए विधिवत पूरी प्रक्रिया की गई।बाकायदा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद के लिए क्षेत्र के योग्य आवेदको ने अपना आवेदन विभाग को प्रस्तुत किया यह प्रक्रिया होनी ही थी लेकिन अचानक आचार संहिता की सुगबुगाआहट ने पूरा खेल बिगाड़ दिया और आनन फानन में क्षेत्र में पदस्थ विभाग के मुखिया को बिना जॉइनिंग लेटर के ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को जॉइनिंग दे दी और चढ़ावा चढ़वाया लिया जिसके लिए विभाग में पदस्थ एक बाबू का सहारा लिया गया बाबू सुबह से लेकर रात तक कार्यालय में मौजूद रहे और अपनी इस चढ़ावे की प्रक्रिया को बखूबी अंजाम दिया जिसके पीछे उन्होंने दलील दी की सीडीपीओ और जिले के बड़े अधिकारियों को चढ़ावा चढ़ाना पड़ेगा जिसके लिए आपसे यह दान लिया जा रहा है । बाबू और साहब की पुरानी जोड़ीसूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार साहब और बाबू की पुरानी जोड़ी है पहले भी यह बाबू साहब की जोड़ी साथ एक अन्य जिले में रहकर काम कर चुके हैं तबादला होने के बाद दोनों साथ-साथ यहां भी आ गए ।
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