शनिवार को सन्त रविदास जयंती के अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती राशि त्रिभुवन महिलांग ने नयापारा स्थित रविदास उद्यान में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर उनको नमन किया। श्रीमती महिलांग ने बताया कि संत गुरु रविदासजी मध्यकाल में एक भारतीय संत कवि सतगुरु थे। जिन्हें संत शिरोमणि सत गुरु की उपाधि दी गई है। उन्होंने रविदासीया, पंथ की स्थापना की और इनके रचे गए कुछ भजन सिख समाज के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं। उन्होंने जात पात का घोर खंडन किया और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाया। इसलिए उन्हें संत रविदास, गुरु रविदास, रैदास और रोहिदास जैसे कई नामों से भी जाना जाता है। उनके अनमोल वचन जिन्हें आज भी याद किया जाता है। इसमें “मन चंगा तो कठौती में गंगा” और”ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन,पूजिए चरण चंडाल के जो होवे गुण प्रवीन”आज भी याद किए जाते है।
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