भाषण व चित्रकला प्रदर्शन के माध्यम से विचार व्यक्त किए गए
आर्द्रभूमि की उपयोगिता पर वनमंडलाधिकारी श्री राजपूत ने विद्यार्थियों को किया प्रेरित । महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
महासमुंद वन मंडल एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सहयोग से ग्रीन क्लब एवं प्राणी विज्ञान विभाग कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा विश्व आर्द्रभूमि के अवसर पर वन चेतना केन्द्र कोडार में आज भाषण, चित्रकला प्रतियोगिता और साफ-सफाई अभियान चलाया गया। साथ ही “आर्द्रभूमि और मानव कल्याण“ के थीम पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी श्री पंकज राजपूत ने कहा कि प्रति वर्ष 2 फरवरी को ‘विश्व आर्द्रभूमि दिवस’ मनाया जाता है। इसे एक वैश्विक मंच के रूप में काम करने और पर्यावरण में आर्द्रभूमि के महत्व और भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। इस वर्ष का विश्व आर्द्रभूमि दिवस की थीम “आर्द्रभूमि और मानव कल्याण“ है। इसका लक्ष्य यह बताना है कि मानव कल्याण के सभी पहलू जैसे – शारीरिक, मानसिक और पर्यावरणीय आर्द्रभूमि के स्वास्थ्य से कैसे जुड़े हुए हैं। इस दौरान कलिंगा विश्वविद्यालय रायपुर की छात्र-छात्राओं एवं जिले की विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा इस विषय पर भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए गए। चित्रकला के माध्यम से आर्द्रभूमि की उपयोगिता और महत्व को प्रदर्शित किया गया। वन चेतना केन्द्र के परिसर में विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक सफाई अभियान भी चलाया गया। कार्यशाला में वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री अब्दुल वहीद खान एवं सभी रेंज ऑफिसर व प्रोफेसर व शिक्षकगण मौजूद थे।उल्लेखनीय है कि आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए समर्पित रामसर कन्वेंशन को 2 फरवरी 1971 को अपनाया गया, जिसने विश्व आर्द्रभूमि दिवस के लिए मंच तैयार किया। विश्व आर्द्रभूमि दिवस, पहली बार 1997 में मनाया गया। यह जैव विविधता, जलवायु और जल विनियमन के लिए महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि की रक्षा और पुनर्स्थापित करने के रूप में कार्य करता है।विश्व आर्द्रभूमि दिवस का महत्वयह दिवस आर्द्रभूमि के संरक्षण और बहाली को बढ़ावा देता है, जो जैव विविधता और जलवायु विनियमन के लिए महत्वपूर्ण हैं। आर्द्रभूमि विभिन्न प्रकार की प्रजातियों का घर हैं और जल शुद्धिकरण और बाढ़ नियंत्रण जैसी आवश्यक पारिस्थितिकी सेवाएं प्रदान करती है। शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से, विश्व वेटलैंड दिवस लोगों को इन प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और रखरखाव के लिए प्रोत्साहित करता है। यह दिवस वैश्विक आर्द्रभूमि संरक्षण और टिकाऊ प्रबंधन के लिए देशों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह दिवस आर्द्रभूमियों को प्रभावित करने वाले आवास हानि, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसे खतरों से निपटने की आवश्यकता पर जोर देता है। पर्यावरणीय महत्व पर ध्यान केंद्रित करके, यह समुदायों और सरकारों को आर्द्रभूमि संरक्षण को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करता है। आर्द्रभूमि पृथ्वी के जलवायु को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह जल शुद्धिकरण और पारिस्थितिकी को संतुलित करती हैं।