अनूपपुर । लगभग 2 वर्षों से अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर यात्रियों की जिस तरह से फजीहत हो रही है उसे देखने सुनने वाला कोई नजर नहीं आ रहा।रेलवे के लिए कोई नियम कानून नहीं है।लेकिन यात्रियों के लिए नियम कानून का पाठ पढ़ाया जाता है।नगर का सबसे पुराना ब्रिज जो प्लेटफार्म एक को प्लेटफार्म तीन,चार से जोड़ता है उसे देश के किसी हिस्से में कोई कांड हो जाने के कारण सभी पुराने ब्रिजों को तकनीकी कारण बताकर बंद कर दिया गया।एवं जब मांग की गई तो जिम्मेदार अधिकारी ब्रिज को देखने को तैयार नहीं हुए और लगभग दो वर्षों से ब्रिज बंद पड़ा हुआ है।रेलवे महाप्रबंधक ने कहा यदि चलने लायक होगा तो जांच कर कर प्रारंभ करा दिया जाएगा।लेकिन आज तक ना तो कोई जांच हुई ना ही ब्रिज प्रारंभ हुआ।जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना प्लेटफार्म नंबर 1 से 3-4 एवं प्लेटफार्म 3-4 से प्लेटफार्म 1 आने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं।जल्दबाजी में यदि कोई यात्री पटरी क्रॉस कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाता है तो उससे जुर्माना वसूल किया जाता है।वही रेलवे के कर्मचारी खुलेआम पार्सल सामग्री को लेकर लाइन क्रॉस करते हैं उन पर किसी तरह का कोई जुर्माना रेलवे द्वारा नहीं किया जाता। रेलवे की दोहरी मानसिकता से लोग परेशान है। आज विकलांगों को जाने एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उनके लिए भी अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर कोई व्यवस्था नहीं है।अमृत भारत स्टेशन की योजना के तहत स्टेशन के विकास के कार्य चल रहे हैं लेकिन पैदल ब्रिज की समस्या लगभग 2 साल से लोग झेल रहे हैं।जिसको लेकर अमृत भारत स्टेशन योजना अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर पूरी तरह से फीकी लग रही है। लोगों का कहना है की सबसे पहले पैदल पुल ब्रिज की ओर रेलवे को ध्यान देना था।अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत ब्रिज का निर्माण करना था प्राथमिकता में लेकिन रेलवे ने इस और ध्यान देना उचित नहीं समझा।जिससे यात्री आए दिन तमाम तरह की परेशानियों से अपनी यात्रा को पूरी कर रहे हैं। देखा जाता है कि कई बार यात्री ट्रेन की जल्दबाजी में यात्री नियमों को तिलांजलि देते हुए लाइन क्रॉस कर ट्रेन पकड़ते हैं कभी भी कोई हादसा हो सकता है।उसकी यात्री चिंता नहीं करते।उन्हें किसी तरह ट्रेन मिल जाना चाहिए इस जल्दबाजी में वह नियम कानून को तोड़ते हुए अपनी यात्रा करना चाहते हैं और उनकी नजर के सामने रेलवे के कर्मचारी खुले आम नियम कानून तोड़ते दिखते हैं तो इससे यात्रियों का हौसला भी बढ़ जाता है।लेकिन यात्रियों के हौसले को रेलवे के जिम्मेदार लोग जुर्माना वसूलकर तोड़ने की कोशिश करते हैं जिससे वाद विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। आवश्यकता है कि रेलवे अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत प्रथम प्राथमिकता में यात्रियों की सर्वाधिक समस्या पैदल पुल की है उस और ध्यान देते हुए ब्रिज का निर्माण प्रारंभ करा देना चाहिए।जिससे यात्रियों की तकलीफें कम हो और यात्री बेवजह हादसा का शिकार होने से बच जाए। रेलवे को पैदल पुल पर विशेष ध्यान देते हुए उसका निर्माण कराना चाहिए।वह अमृत भारत स्टेशन की शान बनेगा।अन्यथा कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार बिलासपुर रेल मंडल बिलासपुर रेलवे जोन होगा।
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