कल परम आलय जी का प्रथम बार दुर्ग आगमन पदनाभपुर मिनी स्टेडियम में स्वागत की तैयारी। *दुर्ग *(ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख)
आध्यात्मिक चेतना जागृत करने के लिए द ह्यूमन फाउंडेशन के सहयोग से दुर्ग शहर में सम्यक आहार सम्यक प्रयोग समय ध्यान सम्यक ऊर्जा का संदेश को जन जन तक पहुंचाने के लिए ध्यान साधना योग का अनूठा संगम यहां प्रतिदिन देखने को मिल रहा है लगभग 3000 लोगों की प्रत्यक्ष उपस्थिति में प्रतिदिन प्रातः 6:30 बजे से 8:30 बजे तक प्रवचन नहीं प्रयोग नए दृष्टिकोण वाला शिविर का आयोजन पदनाभपुर मे ग्राउंड किया जा रहा है 21 जनवरी से 23 जनवरी तक स्वयं परम आलय जी के सानिध्य में मन की शक्तियों को जागृत एवं संयोजन परम आलय जी के सानिध्य में होगाजिसके लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों से इस शिविर लोग भाग लेकर स्वस्थ्य जीवन शेली जीने का आनंद लें रहें हैंदेश-विदेश में अब तक 250 से भी अधिक शिविरों का आयोजन किया जा चुका है जिसमें भाग लेकर अब तक हजारों लोगों ने अपनी गंभीर शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाई बीपी, थायराइड, माइग्रेन, अस्थमा, आर्थराइटिस, तनाव, डिप्रेशन, बेचैनी इत्यादि को ठीक किया है और अपने जीवन में प्रेम और आनंद को विकसित किया हे और आज सभी निरोगी जीवन व्यतीत कर रहे हैंनए दृष्टिकोण वाले शिविर के संयोजन में सेजोबाई, मां जानकी, परम भक्ति जी, मां श्रद्धा श्रवण कुमार रवि निर्मल के विशेष मार्गदर्शन में पदनाभपुर स्टेडियम में इस शिविर का शानदार आयोजन चल रहा है जिससे शहर के अंदर एक आध्यात्मिक चेतना का वातावरण निर्मित हो रहा है इसी आध्यात्मिक वातावरण में नई जान फूंकने स्वयं परम आलय जी का दुर्गा आगमन हो रहा है तीन दिवसीय शिविर आप श्री के सानिध्य में होगामन की शक्तियों को जागृत करने के लिए बाद के तीन दिन 21, 22, 23 जनवरी 2024शिविर के चौथे दिवसमन क्या है? बुध्दि, भावना, विवेक व भाव क्या होते हैं? का प्रयोग शिविर स्थल पर कराया जाएगा जिसे शिविर में भाग लेने वाले साधक स्वयं महसूस कर पाएंगेशिविर में विचार, विश्वास, सपने, कल्पना का क्या काम है हमारे जीवन में?की क्रिया कराई जाएगी साथ ही शिविर के छठवें दिवसचेतन मन, अवचेतन मन, चेतना एवं आत्मा का हमारी जिंदगी से क्या संबंध है? का शिविर में हिस्सा लेने वाले सभी साधक स्वयं अनुभव करेंगे मन की शक्तियों को जगाने से ही बिजनेस, बड़ा नाम, बहुत पैसा व तरक्की प्राप्त हो सकती है और भीतर के जगत में शांति, प्रफुल्लता, आनंद व उल्लास मिल सकता है, मन की शक्तियों को विकसित न करने से जीवन अनेकानेक समस्याओं से घिर जाता है जैसे तनाव, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, घृणा, जेलेसी, भय, कामवासना, क्रोध, शारीरिक बीमारियां, बहुत विचार बलना, रात को नींद न आना, सब सुविधा होने के बावजूद जीने की उमंग न होना इत्यादि, बहुत से ऐसे प्रश्न हमारे जीवन में हैं, जिनका हल न मिलने की वजह से हमारा विकास अवरुध्द हो जाता है और एक सीमा के बाद हमारा विजन ब्रॉड (विकसित) नहीं हो पाता। कैसे हमारा विजन प्रतिदिन सरल तरीकों से विकसित हो सके और कैसे वह मकसद पूर्ण हो सके जिसके लिए हमने इस अमूल्य जीवन को प्राप्त किया है ताकि हम इससे आगे की यात्रा के लिए अग्रसर हो सकें।शहर के विभिन्न क्षेत्रों की सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यवसायिक संस्थाओं के लोग इस भव्य आयोजन में अपना सहयोग देते हुए इस सद कार्य में लगे हुए हैंश्री शांतिलाल चोपड़ा उत्तम बरडिया धर्मचंद लोढ़ा प्रफुल्ल संचेती विजय गुप्ता डेनमाल पोरवाल मदनलाल कोचर श्री चंद लखवानी दिपेश बाफना किशोर बाघमार द्वारका जी नरसिंह कुकरेजा किशोर विमलेश गोचर राकेश संचेती नवीन देशलहरा चंद्रकांत पारख अशोक राठी रामनिवास मित्तल रामदास खत्री उमेश प्रफुल्ल पारख आनंद दिक्षित शैलेश श्री श्री माल ममता गोलछा के आर्थिक सहयोग से नए दृष्टिकोण वाले शिविर का आयोजन सफल हो पा रहा है