कांगेर घाटी और आस पास के प्राकृतिक संसाधनों पर दिन ब दिन बढ़ते विभिन्न प्रकार के दबावों को बाहरी क्षेत्र में ही कैसे रोक सकते हैं इस उद्देश्य से कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत बहने वाली नदी कांगेर नदी के कैचमेंट क्षेत्र को आधार बनाकर लैंडस्कैप आधारित पुर्नस्थापना कार्ययोजना (Landscape level eco restoration work) तैयार किया जाने हेतु दिनांक 15/01/2024 को वन विद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशिल गणवीर ने बताया की इस कार्ययोजना के लिए विभिन्न विभाग एवं संस्थाओं से समन्वय स्थापित किया जा रहा है जिसमे कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन समन्वयक के रूप में कार्य रहा है। योजनान्तर्गत सम्मिलित ग्रामों में वृक्षारोपण, भू-जल संरक्षण, कृषि वानिकी, उद्यानिकी, आजीविका, संस्कृतिक संरक्षण आधारित गतिविधियां सम्मिलित हैं।कार्यशाला में विभीन्न विभाग और संस्थायो से प्रतिनिधी उपस्थित रहे जिन्होने कार्ययोजना से संबधित विषयों पर चर्चा की और सभी ने अपने विभागीय और संस्थागत कार्यो के बारे में बताया साथ ही कैसे उनका इस प्राकृतिक पुर्नस्थापना योजना तैयार करने में योगदान हो सकता है। इस एक दिवसीय कार्यशाला में FES संस्था से नमिता मिश्रा , मनोज कुमार, प्रदान संस्था, डॉ अलोक भार्गवा वेटनरी विभाग , प्रीतम गुप्ता प्रदान संस्था, शेखर गंजीर आओ हाथ बढाये संस्था, पवन कुमार जिला पंचायत बस्तर, जीत सिंह आर्य अनएक्स्प्लोरड बस्तर, मनीषा अग्रीकॉन संस्था, दीपक सिंह कॉमन लैंड से, सुरेश ठाकुर उप संचालक उद्यानिकी विभाग, एस आर नेताम एग्रीकल्चर विभाग से, अनुभव शोरी ATREE से, योगेश रात्रे एसडीओ बस्तर वनमण्डल, कमल तिवारी एसडीओ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से उपस्थित थे।
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