बेरला विकासखंड के विभिन्न स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी कर रहे आधा सैकड़ा लोगो पर फिर से गाज गिर सकती है। रमन सरकार में आरोपित शिक्षको को बर्खास्त किया गया था। पूरे छः साल तक बर्खास्त रहने के बाद भूपेश सरकार ने इन्हे फिर वापस नौकरी पर रख लिया था। बताया गया कि पिछले विधानसभा चुनाव में साजा विधायक रविंद्र चौबे ने बर्खास्त शिक्षकों से सहयोग मांगते हुए सरकार आने पर पुनर्बहाली का वादा किया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने अपना वादा निभाया भी। साजा विधानसभा में बेरला ब्लाक का कुछ क्षेत्र समाहित है। किंतु अब सरकार बदल गई है। सरकार ने स्वच्छ प्रशासन देने का वादा किया है। दागी अफसरों को लूप लाइन में डाला जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि अगली बारी फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों की है। जाहिर है, फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी कर रहे सरकारी महकमें के कर्मियो में हड़कप है। मानवीय आधार पर पीड़ितो ने सरकार से दया की भी गुहार लगाई है। अब देखने वाली बात है कि साय सरकार फर्जियो पर कब कारवाई करती है।
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