31 दिसंबर वर्ष का अंतिम दिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का देश भर में प्रसारण….एक कांग्रेसी को मन की बात सुनना महंगा पड़ गया, तो वही सुनने वाले भाजपा के व्यक्ति के साथ देखकर उम्र का लिहाज किए बिना सत्ता गई किंतु सत्ता का नशा नही गया कहावत को चरितार्थ करते बौखलाहट में पिटाई करने वाले कांग्रेस नेता को भी हरकत महंगी पड़ गई। *दरअसल मामला ये है*रिसाली नगर निगम क्षेत्र के नेवई थाना अंतर्गत वार्ड 32 में 31 दिसंबर को कांग्रेस नेत्री और पूर्व एल्डरमैन संगीता सिंह के पुत्र सोनू सिंह ने एक कांग्रेसी बुजुर्ग के साथ मारपीट कर दी जिससे बवाल खड़ा हो गया। पीड़ित ने थाना नेवई में शिकायत दर्ज कराई और तत्काल नेवई थाना ने कार्रवाई करते हुए सोनू सिंह को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा वार्ड में मन की बात का कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य रूप से नवनिर्वाचित विधायक ललित चंद्राकर भी पहुंचे थे इस कार्यक्रम में कई कांग्रेसी भी पहुंचे थे इस दौरान कुछ कांग्रेसियों ने भाजपा प्रवेश भी कर लिया। यह जानकारी कांग्रेस नेता और ठेकेदार संघ के अध्यक्ष सोनू सिंह तक पहुंची तो उन्होंने किसी गोकुल प्रसाद नामक व्यक्ति को फोन कर बुलाकर भाजपा के कार्यक्रम में क्यों गए करके मारपीट कर दी पीड़ित ने मीडिया को बताया कि मैं 30-35 वर्षों से कांग्रेस में था एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर कभी कोई सम्मान प्रतिष्ठा का लालच नहीं रहा लेकिन सोनू सिंह नामक जबरदस्ती के कांग्रेस नेता ने उनके साथ मारपीट कर दी मैं उनके वार्ड में रहता हूं मैंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।थाना से प्राप्त जानकारी अनुसार पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर सोनू सिंह के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है। इस दौरान थाना में गहमा गहमी का माहौल रहा। भारतीय जनता पार्टी के रिसाली मंडल अध्यक्ष सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे इस दौरान जब सोनू सिंह को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया तो उन्होंने *खाबो लाठी जाबो जेल, हमर नेता भूपेश बघेल* का नारा लगाया जिसे सुनकर लोगों में हंसी भी छूट गई की कभी ताम्रध्वज साहू के इर्दगिर्द मंडराने और उनके प्रश्रय में अपनी मां को कांग्रेस नेत्री के संपर्कों का लाभ उठाते करोड़ों के काम का ठेका पाने वाले के सुर मंत्री ताम्रध्वज साहू की हार के साथ ही बदले बदले से नजर आने लगे है । गलती खुद कर नेता के नाम बवाल करने के बाद मामला और गरमा गया।प्राप्त जानकारी अनुसार पीड़ित जब शिकायत लेकर थाने पहुंचा तो उसकी एफआईआर दर्ज नही की जा रही थी जिसकी जानकारी कैंप भिलाई की भाजपा नेत्री रश्मि साव को हुई जिनका रिसाली ने व्यवसाय है वो तत्काल थाना पहुंची और विरोध कर एफआईआर का दबाव बनाया तब कहीं जाकर ठेकेदार सोनू सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई ।इस दौरान आरोपी के समर्थक एमआईसी सदस्य गोविंद चतुर्वेदी और भी लोग मौजूद रहे। थाने से छनकर यह खबर भी मिली की सत्ता में रहते पूर्व मंत्री के नाम का सहारा लेकर पूर्व एल्डरमैन का ठेकेदार पुत्र और उनके वरदहस्त में उनके मुलाजिम नगर निगम में एमआईसी में शामिल और कुछ लोग हमेशा पुलिस प्रशासन के साथ भी राजनीतिक दबाव बनवाकर कार्य करवाते थे जिसको लेकर अनेक संवेदनशील मामलों में भी पुलिस नियमानुसार कार्यवाही नही कर पाती थी जिसके चलते आरोपियों को लेकर उनके मन में भी नाराजगी पनप रही थी जिसकी परिणीति इस मामले में भादस के तहत पुलिस प्रशासन ने ईमानदारी से कार्यवाही निर्धारित की है ।*सत्ता रहते परिवार के किसी सदस्य ने निगम कर्मचारी से भी की थी मारपीट*प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहते निगम में कांग्रेस की ही सरकार है ।महिला नेत्री मंत्री जी की करीबी है जिसके चलते बेटे को करोड़ों के ठेके मिलते रहे है ।जिसके चलते परिवार का निगम में लगातार आना जाना रहा है ।निगम कर्मचारियों के बीच से उड़ती एक खबर कुछ माह पूर्व की एक और घटना की जानकारी है की कांग्रेस नेत्री के परिवार के ही किसी सदस्य ने किसी निजी मामले को लेकर निगम कार्यालय में जाकर निगम के ही एक महिला कर्मचारी के साथ मारपीट कर हाथ साफ करने का मामला सामने आया था किंतु सत्ता होने के चलते वह मामला वही आपसी रजामंदी के चलते दबा दिया गया था।*निगम ठेकेदार बन रिसाली निगम में किए कार्यों की गुणवत्ता की जांच की मांग भी उठी*मामला सामने आते ही ,सत्ता में रहते निगम क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों की गुणवत्ता और कार्यों के बनाए गए इस्टीमेट और मौका जांच की मांग भी उठने लगी है क्योंकि सत्ता में रहते निगम क्षेत्र के कार्यों के इस्तिमेट में भी भारी घालमेल और साथ ही गुणवत्ताहीन कार्यों को अंजाम देकर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे है अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है और खासकर रिसाली निगम क्षेत्र में कांग्रेसी एल्डरमैन जो और जिनके परिवार के लोग ही ठेकेदार बने रहे है करोड़ों के कार्य उन्हे ही दिए गए है जिसके कार्यों की गुणवत्ता हीन होने के आरोप भी लगते रहे है जिनके अब ईमानदारी से जांच कर ठेकेदारों से वसूली की मांग उठने लगी है इन मामलों में आयुक्त आशीष देवांगन पर भी मिलीभगत की बात होती रही है जो वर्तमान मे भी आयुक्त के पद पर विराजित हैं।अब देखना यह है की उनके रहते उनके ही हाथों किए गए कार्यों के मामले में लगाए गए आरोपों कि जांच पर आगे सरकार क्या कार्यवाही निर्धारित करती है।
सत्ता गई लेकिन सत्ता का नशा नही उतरा,कांग्रेसी ने किया भाजपा प्रवेश सुनी मोदी के मन की बात,कांग्रेस नेत्री के ठेकेदार पुत्र ने कर दी पिटाई,उम्र का भी नही किया लिहाज,संस्कार दिखा दिया,महिला नेत्री के दख़ल बाद हुई एफआईआर दर्ज। (रिसाली /सतीश पारख)
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