ग्राम पुरान में स्वर्गीय श्रीमती जेठिया साहू, की स्मृति में श्री मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसके सातवें दिन गुरुवार को कथा व्यास पं. श्री महाराज जी शास्त्री राजा भैया पुरान वाले ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाई। सुदामा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते ही उन्होंने कहा कि सुदामा भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय मित्र थे। सुदामा गरीब ब्राहम्ण थे। सुदामा और कृष्ण की मित्रता पवित्र है। उनकी मित्रता अनुकरणीय है। इसे हमें अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए. वहीं परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद भागवत महापुराण श्रेष्ठ है। व्यक्ति को हाथ से काम, मुख से राम नाम का जाप करना चाहिए। संत ने लोगों को प्रेरणा स्रोत बनने का आग्रह किया। वहीं वसुधैव कुटुम्बकम को आधार बताते हुए सम्पूर्ण विश्व को अपना परिवार मानकर चलने की बात कही। उन्होंने परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाता है। सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित से कहा कि हे परीक्षित, सब को सात दिन में ही मरना है। इस सृष्टि में आठवां दिन तो अलग से बना नहीं है। संसार में जितने भी प्राणी हैं वे सभी परीक्षित हैं। सब की मृत्यु एक न एक दिन तो होनी है और जो मनुष्य एक बार श्रीमद् भागवत की कथा श्रवण कर ले और उसे सुनकर जीवन में उतार ले तो उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। उसे भगवान की प्राप्ति हो जाती है। ज्ञान के बिना जीवन में अंधेरा है और आचरण के बिना जीवन की पवित्रता नहीं है। चेतना के विकास के लिए ज्ञान के साथ अच्छा आचरण होना जरूरी है।
ग्राम पुरान में स्वर्गीय श्रीमती जेठिया साहू, की स्मृति में श्री मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया।
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