जैसे-जैसे 3 दिसंबर की तिथि नजदीक आ रही है, आमजनों में बातचीत का मसला केवल चुनाव नतीजे पर फोकस हो गया है। लोग भी तनाव में है कि चुनाव के परिणाम क्या होंगे, कौन जीतेगा कौन हारेगा। अपनी अपनी दलीलें हैं, अटकलें हैं। मालूम हो, 30 नवंबर की शाम तेलंगाना राज्य विधानसभा का चुनाव समाप्त होगा। फिर एग्जिट पोल टीवी चैनलों में चलने लगेगा । चुनाव आयोग ने चुनाव होने तक एग्जिट पोल पर बंदिश लगा रखा है। इसलिए अखबार व न्यूज टीवी चैनल एग्जिट पोल नहीं दिखा पा रहे हैं। 30 नवंबर को यह मियाद खत्म होगी और टीवी चैनलों पर एग्जिट पोल की बाढ़ आ जाएगी। उसके पहले आम मतदाता अपने-अपने स्तर पर चुनावी नतीजे को लेकर अनुमान लगा रहे हैं । पूरे प्रदेश में यही आलम है । गांव से लेकर कस्बे और शहर तक मतदाता, कार्यकर्ता व राजनीतिक पार्टियों के क्षेत्रीय नेता चुनाव परिणामों को लेकर अपना विश्लेषण दे रहे हैं। वे यहां तक भी सोच रहे हैं कि कांग्रेस की मेजोरिटी आने पर मुख्यमंत्री कौन होगा। यदि भाजपा सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा। लोगों में यह भी चर्चा है कि इस बार कांग्रेस की बहुमत आने पर भूपेश बघेल की जगह सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है । अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के संदर्भ में लोग अपना अनुमान बता रहे हैं। जनता का एक तबका ऐसा भी है, जो ऐसे राजनीतिक चर्चाओं से अजीज आ चुका है। और वे कहने लगे हैं कि यह 3 दिसंबर की तारीख कब आएगी? ताकि चुनावी चर्चाओं का दौर थम सके और राज्य में नई सरकार बनाई जा सके।मतदान उपरांत वोटिंग मशीनों को कंट्रोल रूम में रखा गया है एवं 3 दिसंबर का इंतजार है इस दिन प्रदेश के विधानसभा का फैसला स्पष्ट हो जाएगा छत्तीसगढ़ राज्य में 75% से ज्यादा मतदान हुआ है 3 दिसंबर को काउंटिंग होनी है इसकी प्रक्रिया के लिए नियम भी बनाए गए हैं पूरी काउंटिंग एक प्रक्रिया से होकर गुजरती है जिसे प्रशासन कड़ाई से पालन करवाती है सुबह 8:00 बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी इसमें पहले डाक मत पत्रों की गिनती की जाएगी।डाक मत पत्रों की गिनती से यह स्पष्ट होगा की इस बार प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों का रुख किस ओर है बहरहाल डाक मत पत्रों की गिनती से पिक्चर क्लियर हो जाएगी
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