सहायक शिक्षकों की शिक्षक के पद पर पदोन्नति और शिक्षक से प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति के मामले में बिलासपुर उच्च न्यायालय ने शिक्षकों को बड़ी रहती है। याचिकाकर्ता शिक्षक अब संशोधित शाला में कार्य भार ग्रहण कर सकते है।15 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता को स्कूल शिक्षा विभाग में अपना अभ्यावेदन जमा करना होगा। इसमें याचिकाकर्ता को यह छूट होगी कि उसने संशोधन के लिए जो प्रमुख आधार बताएं हैं ।उसे संबंधित या अन्य दस्तावेज भी अपने अभ्यावेदन के साथ प्रस्तुत कर सकता है। उनके अभ्यावेदन के आधार पर 45 दिनों के भीतर मामले का निराकरण करेगी।उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि एक समिति का गठन किया जाता है, जिसमें अध्यक्ष के रूप में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, एक सदस्य के रूप में लोक शिक्षण निदेशक और सदस्य के रूप में संबंधित पांच प्रभागों के सभी संयुक्त निदेशक शामिल होंगे।याचिकाकर्ताओं को पहले ही एक पक्षीय रूप से जो कार्यमुक्त कर दिया गया है और उनके स्थान पर कोई भी शामिल नहीं हुआ है और, इसलिए, छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए, न्याय के हित में यह निर्देश दिया जाता है कि सभी याचिकाकर्ताओं को उनके पिछले पोस्टिंग स्थान पर शामिल होने की अनुमति दी जाए ताकि उनके वेतन के मुद्दे का समाधान किया जा सके। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार आज कांकेर में शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दी।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने शिक्षकों को दी बड़ी राहत
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