ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एक्सीलेंस (गिव), एक अग्रणी गैर-लाभकारी संस्थान, व्यावसायिक शिक्षा और सामुदायिक विकास के क्षेत्र में अग्रणी है। बैपटिस्ट चर्च ट्रस्ट एसोसिएशन (बीसीटीए) के संरक्षण में ‘गिव’ ने खुद को समुदाय के लिए उत्कृष्टता और सेवा के प्रतीक के रूप में स्थापित किया है। दिल्ली के सिविल लाइन्स के मध्य में स्थित यह संस्थान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है। ‘गिव’ के संचालक और भिलाई में पले बढ़े प्रमोद अठावले ने बताया कि संस्था का विस्तार दिल्ली के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी किया जा रहा है। पहले चरण में इसका लाभ दुर्ग-बेमेतरा जिले के वंचित समुदाय को मिलेगा। प्रमोद अठावले ने कहा कि ‘गिव’ सिर्फ एक संस्था नहीं है; यह समाज की भलाई के लिए हमारे समर्पण का एक प्रमाण है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ‘गिव’ की गतिविधियों का निरंतर विस्तार हो रहा है, जिसमें न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में एक चमकदार उदाहरण बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि ‘गिव’ ने शैक्षिक कार्यक्रमों की एक विविध श्रृंखला प्रदान की है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, पैरामेडिकल विज्ञान, सार्वजनिक स्वास्थ्य, भारतीय संस्कृति और विरासत, नेतृत्व और संगीत जैसी प्रदर्शन कलाएं शामिल हैं। इन आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करके सांस्कृतिक रूप से समृद्ध समाज के विकास में योगदान करते हुए वंचित समुदाय के अनगिनत लोगों के भविष्य को आकार दे रहा है
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