केलाबाड़ी निवासी लखन लाल अग्रवाल व उनकी पत्नी श्रीमती उषा अग्रवाल ने अपने समधी नीलकंठ अग्रवाल के मृत्यु उपरान्त देहदान एवं नेत्रदान से प्रेरित हो कर अपने देहदान एवं नेत्रदान का संकल्प लिया व् देहदान की वसीयत नव दृष्टि फाउंडेशन के कुलवंत भाटिया,रितेश जैन,मंगल अग्रवाल,प्रभु दयाल उजाला,जीतेन्द्र कारिया को सौंपीअग्रवाल पारिवार के प्रकाश अग्रवाल,पालेश्वर अग्रवाल,रेणु,वेणु,स्मृति अग्रवाल ने देहदान हेतु सहमति दी। लखन लाल अग्रवाल के दामाद पालेश्वर ने कहा कुछ समय पूर्व जब पिता के निधन के पश्चात उनका नेत्रदान व् देहदान करने के बाद पिता कि कमी तो महसूस होती है पर पिता कि इच्छा पर उनके देहदान के निर्णय व गर्व भी होता है और आज मेरे सास व ससुर जी के निर्णय से देहदान हमारे परिवार कि परम्परा बन गया हैमंगल अगवाल ने जानकारी दी उनके परिवार से पिछले माह दो सदस्यों का देहदान हुआ इस से पहले मंगल के पिता के भी नेत्रदान परिवार द्वारा किये जा चुके हैं एवं पिता ही इस कार्य हेतु मुझे प्रेरणा देते हैं आशा है भबिष्य में अधिक से अधिक लोग देहदान व नेत्रदान कि प्रेरणा लेंगे एवं अन्य लोगों को जागरूक करेंगेनवदृष्टि फाउंडेशन के जितेंद्र हासवानी ने कहा हमारी संस्था लगतार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं व लोगों की देहदान व नेत्रदान के प्रति सोच बदली है अब लोग स्वस्फूर्त ही देहदान व नेत्रदान हेतु सामने आ रहे हैं एवं यदि कोई देहदान हेतु सहयोग या मार्गदर्शन चाहता है तो हमारी संस्था के सदस्यों से सहयोग ले सकता है या 9827906301/9827190500 इन नंबर पर फ़ोन कर मार्गदर्शन ले सकता है नवदृष्टि फाउंडेशन की ओर से अनिल बल्लेवार ,कुलवंत भाटिया,राज आढ़तिया, प्रवीण तिवारी,मुकेश आढ़तिया, हरमन दुलई,मंगल अग्रवाल,किरण भंडारी,रितेश जैन,जितेंद्र हासवानी,उज्जवल पींचा ,सत्येंद्र राजपूत,सुरेश जैन,राजेश पारख,पियूष मालवीय,विकास जायसवाल,मुकेश राठी,प्रभु दयाल उजाला, प्रमोद बाघ ,सपन जैन ,यतीन्द्र चावड़ा , बंसी अग्रवाल, अभिजीत पारख,मोहित अग्रवाल,चेतन जैन,दयाराम टांक ने अगवाल दम्पति को नेत्रदान एवं देहदान के निर्णय हेतु साधुवाद दिया।
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