दुर्ग शहर विधानसभा का सर्वाधिक व्यस्ततम मार्ग पोलसाय-चौक-की-एक-और-तस्वीरशहर के स्टेशन रोड का ऐसा हाल पिछले चार साल से है।विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों की सक्रियता तेज होने के साथ ही आम नागरिकों की आवाज भी उठने लगी है। दुर्ग शहर में राजनीतिक सुगबुगाहटें तेज होने के साथ ही कहा जाने लगा है कि सड़कों पर बेहिसाब गड्ढे विधायक अरुण वोरा के लिए वोटों के आंकड़ों का बड़ा गड्ढा बना सकते हैं। करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के दावे के बावजूद वोरा को जवाब देना होगा कि सड़क पर गड्ढे दुर्ग की पहचान कैसे बन गए ??? लोग कह रहे हैं कि पांच साल तक वोरा ने सिर्फ फोटोबाजी की है। शहर के विकास के लिए कुछ नहीं किया।बोरसी एरिया की कई सड़कों पर सड़क पर बेहिसाब गड्ढे हैं … महीनों तक लोग वोरा निवास के चक्कर काटते रहे … लेकिन नतीजा … जस का तस …आज सुबह दुर्ग जाते अग्रसेन चौक पहुंचा तो वहां इसी बात की चर्चा हो रही थी। की चौक पर ही छोटे बड़े गढ्ढों को देखकर लोगों ने इंदिरा मार्केट तक बदहाल सड़क पर जमकर नाराजगी जताई। चौक पर खड़े लोगों ने जेल तिराहा-पोटिया-पुलगांव रोड पर इन्हीं गड्ढों के कारण हुई मौतों का जिक्र भी किया। खास तौर पर जैन समाज की एक मासूम बच्ची की मौत से लोग बेहद खफा नजर आए। लोगों ने साफ कहा कि वोरा से हर गड्ढे का हिसाब पूछा जाएगा।64 करोड़ की लागत से जीई रोड चकाचक जरूर हो गई है, लेकिन इस सड़क की चार साल तक कैसी दुर्दशा रही? यह लोग अभी तक भूले नहीं हैं। चार साल तक गड्ढों के कारण जिस्म पर लगने वाले झटकों से बोन डिसीज का शिकार होने वाले लोगों का कहना है कि शहर की इतनी दुर्गति पहले कभी नहीं हुई।आखिर सत्ता होने के बाद भी चार साल अरुण वोरा ने मुख्य मार्गों का भी उद्धार करवाने में साढ़े चार साल क्यों लगा दिए वो भी अभी पूरे नही हो पा रहे है ।सीएम भूपेश बघेल द्वारा विकास के लिए करोड़ों रुपए देने के बावजूद वोरा अच्छी सड़कों पर आवागमन की सुविधा देने में नाकाम रहे। लोगों की प्रतिक्रिया से साफ जाहिर है कि सड़कों पर बेहिसाब गड्ढे इस बार चुनावी मुद्दा बनेंगे। वोरा को इस मुद्दे का जवाब देना ही होगा
दुर्ग शहर की सड़कों पर बेहिसाब गड्ढे …वोटों में बड़े बड़े गड्ढे ना कर दे….लोग पूछ रहे – पांच साल में गड्ढे भी नहीं भर पाए अरुण वोरा,क्या किया हिसाब दे फोटोबाजी के सिवा क्या किया ???…चौक चौराहों पर चर्चा में जनता का आरोप।
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