
ट्रैक सीजी बिलासपुर राहुल बंजारे/साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) कोयला खनन में पेस्ट फिल तकनीक का उपयोग करने वाली पहली कोयला कंपनी बनने जा रही है। भूमिगत खनन की इस पर्यावरण-हितैषी तकनीक को बढ़ावा देने के लिए एसईसीएल और टीएमसी मिनरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड के बीच ₹ 7040 करोड़ की परियोजना के लिए समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत, एसईसीएल कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सिंघाली भूमिगत कोयला खदान में पेस्ट फिलिंग तकनीक द्वारा बड़े पैमाने पर कोयला उत्पादन किया जाएगा। 25 वर्षों की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से अनुमानित 84.5 लाख टन (8.4 मिलियन टन) कोयला उत्पादन किया जाएगा।क्या है पेस्ट फिलिंग तकनीक?पेस्ट फिलिंग एक नवीन भूमिगत खनन तकनीक है, जिसमें खदान से कोयला निकालने के पश्चात उत्पन्न रिक्त स्थान को विशेष पेस्ट से भरा जाता है। यह पेस्ट फ्लाई ऐश, ओपनकास्ट खदानों से प्राप्त क्रश्ड ओवरबर्डन, सीमेंट, पानी और आसंजक रसायनों से तैयार किया जाता है। इस तकनीक के प्रयोग से खनन उपरांत भूमि के धंसने (सबसिडेंस) का खतरा नहीं रहता, और सतह की भूमि के अधिग्रहण की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।इसके अलावा, इस तकनीक में औद्योगिक अपशिष्टों का पुन: उपयोग किया जाता है, जिससे यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है।सिंघाली खदान में नया अवसरसिंघाली अंडरग्राउंड खदान को वर्ष 1989 में 0.24 मिलियन टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता के लिए अनुमोदित किया गया था और इसका संचालन वर्ष 1993 में प्रारंभ हुआ। वर्तमान में इस खदान में लगभग 8.45 मिलियन टन G-7 ग्रेड की नॉन-कोकिंग कोयले का रिज़र्व उपलब्ध है।

इस खदान का विकास बोर्ड एंड पिलर पद्धति से किया गया है, जिसमें भूमिगत संचालन के लिए लोड हॉल डंपर्स (LHDs) और यूनिवर्सल ड्रिलिंग मशीनें (UDMs) का उपयोग किया गया है।हालांकि, खदान की सतही भूमि घनी आबादी से घिरी हुई है—जहाँ पर गाँव, हाई टेंशन लाइनें, सड़कें आदि स्थित हैं—जिसके कारण पारंपरिक केविंग विधियों का उपयोग सुरक्षा और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संभव नहीं है।सिंघाली भूमिगत खदान में सतह की भूमि का अधिग्रहण न हो पाने के कारण डिपिलरिंग कार्य आरंभ नहीं हो पा रहा था। अब, पेस्ट फिलिंग तकनीक के माध्यम से इस खदान में पुन: खनन कार्य आरंभ किया जा सकेगा।एसईसीएल का हरित खनन की ओर कदमइस परियोजना की कुल लागत ₹7040 करोड़ है, और इसका प्रमुख उद्देश्य हरित खनन तकनीकों को बढ़ावा देना है। यह न केवल उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होगा।इस अवसर पर एसईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री हरीश दुहन ने कहा:”एसईसीएल देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुझे विश्वास है कि पेस्ट फिलिंग तकनीक न केवल खनन के भविष्य को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एक स्थायी और नवाचारी समाधान भी प्रस्तुत करेगी और आने वाले वर्षों में इससे खनन उद्योग को नई दिशा मिलेगी।”