शत्रुघन सिन्हा ब्यूरो चीफ धमतरी
शिव महापुराण कथा को लेकर धूमधाम से निकली कलश यात्रा
मोगरागहन पंचायत के आश्रित ग्राम भिड़ावर खेल मैदान में 21 फरवरी से 27 फरवरी तक सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन को लेकर शुक्रवार फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष को धूमधाम से गाजा बाजा के साथ कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल हुए। कथा वाचक स्वामी जी पंडित भगवती प्रसाद तिवारी, परायणकर्ता पंडित घनश्याम प्रसाद तिवारी महाराज ने पहले दिन पूजा अर्चना के साथ कथा प्रारंभ किया जिसमें भारी संख्या में भक्त शामिल हुए। कथा के अवसर पर शिवरात्रि के महापर्व पर विशेष आयोजन किया जाएगा।
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इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त जुटेंगे। 27 फरवरी को कथा समापन के बाद सामूहिक भंडारा होगा। यह आयोजन वंदे मातरम महिला ग्राम संगठन समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। शिव महापुराण की कथा पहली बार ग्रामीण क्षेत्र में हो रही है जिससे शिव भक्तों में काफी उत्साह है। व्यासपीठ कथावाचक पंडित भगवती प्रसाद तिवारी ने बताया महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे विशेष माना जाता है। आप अगर भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शिवरात्रि पर धूतरा, फूल, कच्चा दूध और गंगाजल के अलावा 3 ऐसी विशेष चीजें हैं, जिन्हें चढ़ाए बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। शिवपुराण में इन चीजों को भगवान शिव को अर्पित करने की वजह भी बताई गई।महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। आप भी अगर महाशिवरात्रि व्रत रख रहे हैं या भगवान शिव की विशेष पूजा करना चाहते हैं, तो याद रखें कि भगवान शिव की विशेष पूजा में तीन चीजों को जरूर शामिल करें। शिवपुराण के अनुसार इन 3 चीजों के बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए, जानते हैं कौन-सी हैं वे 3 चीजें जिन्हें शिवजी की पूजा में शामिल करना चाहिए।
भस्म शिवजी को अतिप्रिय है और इसे उनका आभूषण माना जाता है। शिवजी को भस्म चढ़ाने से दुखों से मुक्ति मिलती है और सांसारिक मोह-माया से भी छुटकारा मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि केवल पुरुष ही शिवलिंग पर भस्म अर्पित कर सकते हैं। भस्म, महादेव का प्रतीक है। भस्म हर मनुष्य के लिए जीवन के अस्थायित्व का प्रतीक भी है। हर मनुष्य को याद रखना चाहिए कि इस पृथ्वी पर कुछ भी स्थायी नहीं है, इसलिए अंहकार से दूर रहना चाहिए।