भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह के सैकड़ों ग्रामीण बने साक्षी दैनिक टैक सीजी न्यूज़ ब्लॉक रिपोर्टर भैयाथान राजेश गुप्ता को
भैयाथान बरौधी:– सूरजपुर जिले के जनपद पंचायत भैयाथान अंतर्गत ग्राम पंचायत बरौधी में चल रहा दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण सप्त ज्ञान गंगा कथा में बीती रात कथावाचक ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी के विवाह की कथा का वर्णन किया। कथा सुनकर पंडाल में मौजूद श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
कार्यक्रम के दौरान कलाकारों द्वारा कृष्ण-रुक्मणी विवाह से जुड़ी मनोहारी झांकी प्रस्तुत की गई। जिसे देख पूरा पंडाल श्रीकृष्ण के जयकारे से गुंजायमान हो उठा। भजन गीतों से सुरों में सभी श्रोता झूमने लगे। कथा व्यास प्रवचनकर्ता परम पूज्य महाराज उदित नारायण वैष्णव (राज्यगुरु) ने कहा कि भगवान पर अटूट विश्वास होना चाहिए, यदि अटूट विश्वास है तो भगवान हर स्थिति में अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
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कथा व्यास प्रवचनकर्ता परम पूज्य महाराज उदित नारायण वैष्णव (राज्यगुरु) ने भगवान श्रीकृष्ण के विवाह का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणी के साथ संपन्न हुआ। लेकिन रुक्मणी को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणी स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती हैं। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो बहुत प्रभावित हुईं और मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। इसीलिए श्रीकृष्ण ने हरण कर रुक्मणी से विवाह किया। कथा व्यास के मुख से विवाह का विस्तार वर्णन सुनकर श्रद्धालु गदगद हो उठे।
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कथा के दौरान संगीतमय भजन गीतों से देर रात तक माहौल भक्तिमय बना रहा। मुझे श्याम का सहारा, भजन सुन सभी झूमने लगे। आरती में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बीच बीच मे जयघोष से वातावरण गुंजायमान होता रहा। आयोजक शिव मंदिर समिति द्वारा सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के दौरान कलाकारों द्वारा कृष्ण-रुक्मणी विवाह से जुड़ी मनोहारी झांकी प्रस्तुति के दौरान श्रीकृष्ण जी का बारात श्रीमद भागवत महापुराण कथा स्थल से कुछ दूरी से गाड़ी में श्रीकृष्ण रूपी (बबीता कुमारी यादव), पिता के रूप में (अमेकेश्वर राजवाड़े), और ढ़ेढहा रूपी (जीत राम यादव, सुपाड़ी लाल यादव) दूल्हे के रूप में गाड़ी में बैठाकर गाजा बाजा के साथ समिति के सैकड़ों कार्यकर्ता बाराती बनकर नाचते हुए, जयकारा लगाते हुए और पटाखा फोड़ते बारात के साक्षी बन पहुंचे।
कार्यक्रम के दौरान कलाकारों द्वारा कृष्ण-रुक्मणी विवाह से जुड़ी मनोहारी झांकी प्रस्तुति के दौरान श्रीकृष्ण जी का बारात श्रीमद भागवत महापुराण कथा स्थल पहुंचने पर कृष्ण-रुक्मणी विवाह कराया गया जहां रुक्मणी रूपी (शिमला कुमारी यादव), पिता के रूप में (भईया लाल यादव) और ढ़ेढहा के रूप में सुरेश राजवाड़े, ललित राजवाड़े सहित अन्य विवाह स्थल पर साक्षी बने।
इस अवसर पर आयोजक समिति शिव मंदिर, कोरवाबहरा ग्राम पंचायत बरौधी के मुख्य संरक्षक किशुन राम (भगत जी), सह संरक्षक शुखदयाल राजवाड़े (पटेल), अध्यक्ष – दिनेश सिंह, उपाध्यक्ष रामशंकर राजवाड़े, उपाध्यक्ष भागवत साहू, उपाध्यक्ष राजू लाल, कोषाध्यक्ष तुसेंद्र राजवाड़े, सचिव मोहन प्रताप सिंह, सहसचिव – धर्मेंद्र राजवाड़े, व्यवस्थापक श्रीमती बसन्ती किंडो (पूर्व सरपंच) वही महिला कार्यकारणी के रूप में अध्यक्ष रामकली देवी विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष बाबी राजवाड़े, सचिव दिपा सिंह वही वरिष्ठ नागरिक रूप में दीपेंद्र सिंह, विनोद किंडो, रामनरायण, जगमोहन, सुपाड़ी लाल, रामविलास -, जीतराम, ललीत राजवाड़े, पुरन राम, रिझन राजवाड़े, दिलभरन राम, लखन राम, सुरेश पाटले, सुरजन राजवाड़े, परमेश्वर यादव, सोमार साय, अमेकेश्वर राजवाड़े, अमेलाल राजवाड़े, मोहन लाल राजवाड़े, ऋषभ सिंह के साथ मुख्य रूप से कार्यकर्ता/सदस्य भैयालाल, नारेन्द्र, चलेश्वर, तीरथ राम, हँसलाल, ललित (सोनू), अनिल पाटले, हीराराम, कुष्णा, रोशन, कलेश्वर, मोहन राजवाड़े, उमेश, सुरेश राजवाड़े, राजाराम, रामधन पाटले, सतोष, कमलेश, चंद्रिका, दिलीप, छत्रधारी, गया (गौतम), धर्मेंद्र राजवाड़े, लोमश राजवाड़े, धर्मवीर राजवाड़े, महेश यादव, बबलू यादव, मनोज, संतोष साहु, ज्ञान प्रसाद, बालेश्वर, आनंद राजवाड़े, रुप लाल, अनिल, मुनील, हुकमी, अतीलाल, शिव प्रशाद, शिव प्रशाद, शिव प्रशाद, चेतन, संजय, सोमारु, शोभित, नारायण, जगेश्वर, प्रेमसाय, जयकुमार, अजित, बाबूलाल (शेरा) रामेश्वर यादव, धर्मपाल यादव, तुलेश्वर, कृष्णा हरिनंदन बेचुराम, लोकेश्वर बागर साय बनारसी धर्मजीत, धर्मपाल, संतोष राजवाड़े, राम प्रकाश राजवाड़े, रामदेव विश्वकर्मा, दिनेश विश्वकर्मा, ललुआ, अर्जुन पण्डो, राम, महेश राजवाड़े, रमेश राजवाड़े, पारस, राजशंकर हुलास परवीन राजवाड़े, राजकुमार (सोनू), पवन, मनीष, रंगलाल, कुशल, उजीत, दिलीप द्विवेदी, बरत राम, मुन्ना राम, दीपक विश्वकर्मा, महेश बरगाह, सतेंद्र प्रताप सिंह, रामलाल बरगाह, विजय बरगाह, मंगलू राम, प्रभु राम, सुखलाल, बिशुन लाल, गौरव राजवाड़े, प्रेम पाल राजवाड़े, हजारू कोलीता, राजेश ( बिजली कार्यकर्ता), ज्ञानेंद्र विश्वकर्मा, नवीन सिंह, भूमि प्रजापति, जुगलाल विश्वकर्मा, राधेश्याम राजवाड़े, नहर सिंह राजवाड़े, विनोद यादव, टिकेश्वर सिंह, तारकेश्वर राजवाड़े, शोभनाथ नगेशिया, भुनेश्वर लाशकर, खेलावन, मनजीत चौधरी, राजेश सिंह, बलजीत राजवाड़े, राजेश साहू, विश्वनाथ, रामाशंकर यादव, कुलदीप चेरवा, जयप्रकाश लाशकर, श्यामलाल लाशकर, आनन्द, छत्रपाल, रामलाल पाटले, मनमोहन देवांगन, कमलेश सिंह, भूपेश्वर राजवाड़े, राजेश राजवाड़े (राजवाड़े टेंट) रामकुमार सैनी, सुरेन्द्र लाशकर, संतराम पाटले, रवि ठाकुर, विनय ठाकुर, मनोहन यादव, संतोष लाशकर, वेद प्रकाश, कौशल सिंह, जंगल साय, तुलेश्वर विश्वकर्मा, हंशलाल लाशकर (पिंटू), किशुन सोलंकी, सुरेश चौधरी, भूपले राम, मोहर साय यादव, राजेंद्र यादव, संजीत राम राजवाड़े, सकल धोबी, रविन्द्र जायसवाल, आगर साय राजवाड़े, गणेश राजवाड़े, जगदीश यादव, सरजू राजवाड़े, शिव प्रशाद (कोटवार) सही सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।