कवर्धा। बोड़ला ब्लाक के सबसे हाईप्रोफाइल राजनीति के केंद्र माने जाने वाले ग्राम पंचायत कुसुमघटा चुनाव से पहले ही मतदाताओं को वार्ड हेरफेर के लिए सुर्खियों में रहने वाले ग्राम पंचायत कुसुमघटा में कांग्रेस के नवनिर्वाचित कन्हैया राम कुर्रे सरपंच के चुनाव जीते गए ग्राम कुसुमघटा के पूर्व उपसरपंच वर्तमान निर्विरोध पंच अश्वनी वर्मा एवं निर्विरोध पंच प्रवीण वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे ग्राम पंचायत कुसुमघटा जो राजनीति के रूप से जाने जाते है यह बीजेपी और आरएसएस के कद्दावर लोग रहते है,अपने पावर और पहुँच में सबसे मजबूत है बीजेपी के सरकार बनने के बाद कवर्धा में दो बार मुख्यमंत्री सिर्फ कुसुमघटा में आया है। इससे अंदाज लगया जा सकता है कि सत्ताधारी लोग कितने पावरफूल है और अपने इसी पावर के गलत दुरुपयोग करते हुए गरीब वर्ग के जो लोग शक्कर कारखाना में काम करने जाते थे उन्हें कारखाना से निकलवा दिया था। इसी प्रकार लेखाराम वर्मा जो अपने निजी जमीन पर घर बनवा रहे थे उसे उसे रुकवा दिया। उपस्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों को ट्रांसफर करवा दिया था, हाई स्कूल के 2 टीचर का ट्रांसफर करवा दिया,अपने पावर का गलत उपयोग कर गॉव के सीधे साधे लोगो धमका कर रखते थे की हमारे इसारे में चलो चुनाव से पहले 4 वार्डो में अपने लोगों को हटाकर दूसरे वार्ड में कर दिया था। उनके तानाशाही रवैया से लोगों ने तंग आकर पंचायत चुनाव में चारों खाने चित कर दिया। कांग्रेस के कन्हैया राम कुर्रे 37 वोटो से जीत गया। 15 में से 3 निर्विरोध पंच व 6 वार्डो में कांग्रेस के पंच जीत कर आये लोंगो ने अपने वोट के ताकत से उनके दमनकारी नीति अहंकार को चूर चूर करके रख दिया। पूर्व उपसरपंच अश्वनी वर्मा और प्रवीण वर्मा ने आगे कहा कि कुसुमघटा में कांग्रेस समर्थित पंच और सरपंच के जितने से पूरे ग्राम वासियों में खुशी का माहौल है।