जब तक कोई आपत नहीं है, तब तक किसी जिम्मेदार की निगरानी में नहीं
ट्रैक सीजी सुकमा;
सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक में पेन्टापाड़ पंचायत के ग्राम पामलुर में शिक्षा विभाग के अधीन एक प्राथमिक शिक्षा संस्थान संचालित किया जा रहा है। आंगनबाड़ी के लिए अलग परिसर की नही बनने के कारण, पामलुर में स्थित एक पुरानी जर्जर भवन का जीर्णोद्धार करके आंगनबाड़ी के नैनिहाल बच्चों और प्राथमिक स्तर के बच्चों को एक साथ शिक्षा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में, इस संस्थान में 15 से अधिक प्राथमिक स्तर के छात्रों और आंगनबाड़ी के नैनिहाल बच्चों को एक साथ शिक्षा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
साढ़े चार दशक पूर्व भवन निर्माण हुआ था
ग्रामीण बताते हैं यह पुराना भवन सन 1990- 91 में बनकर तैयार हुआ था, जो हाल ही में अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो चुका है। जगह जगह पटा दीवार, सीमेंट की पकड़ इटों से अलग हो चुका। छत कभी भी अचानक से गिरने की संभावना है। आंगनबाड़ी जैसे नैनिहाल बच्चों को भवन के अंदर बैठाकर पढ़ाया जाता है। लेकिन उन नैनिहाल बच्चों को यह पता है की संस्था कितनी बदहाल हो चुकी है।
तत्कालीन सचिव के कार्यकाल में भवन निर्माण प्रक्रिया शुरू हुई थी
ग्राम पामलूर में तत्कालीन सचिव मडकम लक्का के कार्यकाल में दो वर्ष पूर्व नवीन स्कूल भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई थी, किंतु अभी तक स्कूल भवन अधूरा है। भवन बनाने के लिए लगने वाले मैटेरियल की कोई खैर ही नहीं, अधूरे भवन को कह दिए अलविदा। ग्रामवासी नवीन स्कूल भवन के निर्माण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच रहा, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
- परिजन व प्रधान पाठक जर्जर भवन को लेकर भय में*
पामलूर ग्रामीण निवासी बताते हैं कि बच्चे नियमित रूप से स्कूल जाते हैं, लेकिन भवन की वर्तमान दशा को देखकर उन्हें भय बना रहता है। कभी भी अचानक भवन का मलबा बच्चों पर गिरने की संभावना बनी रहती है। संस्था की प्रधान पाठक राजकुमारी का कहना है कि जब बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही होती है, तभी मलबा गिरता है, जिससे उन्हें भी बहुत डर लगता है कि कभी कोई अप्रिय घटना न हो जाए।