कवर्धा। कृषक सहयोग संस्थान के द्वारा बच्चों को बाल विवाह मुक्त भारत बनाने एवं मतदाताओं को जागरूक करने की शपथ दिलाई। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए आम निर्वाचन की घोषणा कर दी गई है। इसी कड़ी में बुधवार को कृषक सहयोग संस्थान के द्वारा बोड़ला विकासखंड के सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल कुसुमघटा में मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर छात्रों को मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने की शपथ दिलाई गई। बच्चों ने शपथ ली कि आगामी होने वाले चुनाव में अपने माता-पिता के साथ पास पड़ोसी के मतदाताओं से वोट देने की अपील करेंगे।मतदान के दिन सभी लोग घर के सारे कामकाज छोड़कर पहले मतदान करें।कृषक सहयोग संस्थान के आशु चंद्रवंशी ने सबसे पहले बच्चों को संस्था और बाल विवाह के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कृषक सहयोग संस्थान बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए सबसे बड़े गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी होने के नाते विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे की दिशा में काम कर रहे हैं। समाज में विद्यमान अनेक सामाजिक कुरीतियों में से बाल-विवाह की रोकथाम के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 पारित किया गया। जिसके तहत लड़के की 21 वर्ष एवं लड़की की 18 वर्ष आयु निर्धारित की गई है। हम कबीरधाम जिले के 50 गांव में लगातार बाल विवाह,बाल श्रम, ट्रैफिकिंग, यौन शोषण के खिलाफ़ जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे है,और आगे भी करते रहेंगे। बाल विवाह में किसी भी तरह का सहयोग करने अथवा शामिल होने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाती है। मामले में 2 वर्ष का कारावास व 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।बाल विवाह के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से बताते हुए आशु चंद्रवंशी ने विद्यालय के छात्रों को मतदान का महत्व बताया। उनको मतदान के दिन घर और आस-पड़ोस के सभी मतदाताओं को मतदान अवश्य करने के लिए बूथ पर भेजने को प्रेरित करने के लिए कहा।ताकि कोई भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने में वंचित न रह जाए। हर भारतीय को मतदान करने के अधिकार पर गर्व होना चाहिए मतदान भविष्य का विधाता होता है। युवा मतदाताओं को युवा पीढ़ियों को मतदान के लिए जागरूक करना चाहिए। मतदान से अपने योग्य उम्मीदवार को चयनित करें । हम सबका एक वोट ही पलभर में एक अच्छा प्रतिनिधि भी चुन सकता है और एक बेकार प्रतिनिधि भी चुन सकता है इसलिए प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए और ऐसी प्रतिनिधि चुनने के लिए करना चाहिए, जो विकास और तरक्की के पथ पर ले जा सकें।उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार मतदाता ही सभी में जागरूकता ला सकता है। हमें वोट डालने का अधिकार है इसका हमें उपयोग करना चाहिए। मतदान के प्रतिशत को बढ़ाना भी हमारी एक बड़ी जिम्मेदारी है जिससे लोकतंत्र को और मजबूत बनाया जा सके।
कृषक सहयोग संस्थान के द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत बनाने एवं मतदाताओं को जागरूक करने विद्यार्थियों को दिलाई शपथ
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