बीजापुर ट्रैक सीजी न्यूज जिला ब्यूरो चीफ
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु बीजापुर जिले के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना तैयार की गयी है। भारतीय रिजर्व बैंक के प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र मे ऋण वितरण के दिशा निर्देशों के अनुसार कृषि ऋण, कृषि अधोसरंचना, कृषि सहायक गतिविधियों, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उददमियों, शिक्षा, आवास नवीनीकरन, ऊर्जा आदि हेतु 259.95 करोड़ रुपये की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना नाबार्ड द्वारा तैयार की गयी है।
इस संभाव्यतायुक्त ऋण योजना की पुस्तक का विमोचन कलेक्टर संबित मिश्रा द्वारा 15 जनवरी 2025 को जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक मे किया गया। बैठक मे हेमन्त रमेश नंदनवार सीईओ जिला पंचायत, संतोष रामटेके जिला विकास प्रबन्धक (नाबार्ड), विनोद कुमार ज़ालक्सो, अग्रणी जिला प्रबन्धक (SBI), एवं जिले मे कार्यरत सभी बैंको के प्रबन्धक सहित विभिन्न विभागो के अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर संबित मिश्रा द्वारा कार्य योजना तैयार करने हेतु नाबार्ड की सराहना की गई और सभी विभागो एवं बैंकों से कार्य योजना मे इंगित लक्षों की प्राप्ति हेतु आव्हान किया गया। नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक ने बताया की संभाव्यता युक्त ऋण योजना दस्तावेज में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों मे उपलब्ध भौतिक संभाव्यता का बैंक ऋण के माध्यम से दोहन की संभावना का आकलन किया जाता है। इस संभाव्यता आकलन के दौरान जिले मे वर्तमान मे उपलब्ध अधोसंरचना, संभाव्यता के पूर्ण दोहन के लिए अपेक्षित अतिरिक्त अधोसंरचनाएं पिछले वर्षाे के रुझान और आगामी वर्षाे मे संभावित अन्य परिवर्तनों को ध्यान मे रखा जाता है।
योजना के तहत फसल ऋण, कृषि और संबद्ध गतिविधियो के लिए सावधि ऋण तथा कृषि अधोसंरचना और अनुषंगी गतिविधियों को कुल मिलाकर कृषि के लिए संभावित ऋण 158.74 करोड़ है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हेतु 73.34 करोड़ रुपये है। निर्यात क्रेडिट, शिक्षा, आवास, सामाजिक अधोसंरचना एवं अन्य ऋण 27.86 करोड़ रुपये की संभाव्यता का आकलन किया गया है।
नाबार्ड की जिले में अन्य गतिविधियां- नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक श्री संतोष रामटेके ने बताया की राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बीजापुर जिले में विभिन्न विकासात्मक पहलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन पहलों का उद्देश्य कृषि, ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। ग्रामीण विकास में इन्फ्रास्ट्रक्चर के महत्व को जानकार RIDF अंतर्गत सिंचाई परियोजनाओं, सड़कों और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 132 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचन, परिवहन और संचार सुविधाओं में सुधार हुआ है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं जिससे कई ग्रामीण परिवारों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिला है।
RIDF के तहत नाबार्ड ने राज्य के 33 जिलों में सौर सुजला योजना (SSC) के तहत 20000 सौर ऊर्जा पंप सेटों की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को 617.81 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। बीजापुर जिले के चारों विकासखण्डों में 3000 से अधिक सोलर पम्प स्थापित किये गये हैं।