दैनिक ट्रैक सीजी, जगदलपुर।
जिला भाजपा काेषाध्यक्ष रजनीश पानीग्राही ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा को बस्तर संभाग के लिए एक गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल का आयोजन नहीं बल्कि बस्तर में नक्सलवाद को खत्म करना और युवाओं की प्रतिभाओं को निखारने एवं युवाओं में खेल माध्यम से अनुशासन की भावना जगाने के साथ ही बस्तर के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक पुनर्जागरण का आयाेजन है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक का उल्लेख करना बस्तर संभाग के युवाओं के लिए प्रेरणादयक साबित होगा। उन्हाेने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा कर बस्तर संभाग के इस आयाेजन को राष्ट्रीय पटल पर एक नई पहचान दिलाई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में बस्तर ओलंपिक का उल्लेख करते हुए इसे क्षेत्रीय विकास और युवाओं की ऊर्जा का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन केवल एक खेल महाकुंभ नहीं, बल्कि बस्तर में एक नई सामाजिक और सांस्कृतिक क्रांति का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बस्तर ओलंपिक ने उस क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह था। इस आयोजन का शुभंकर “वन भैंसा” और “पहाड़ी मैना” बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। आयोजन का मुख्य संदेश है खेलेगा बस्तर, जीतेगा बस्तर”। प्रधानमंत्री ने इस आयोजन में शामिल खिलाड़ियों की प्रेरणादायक कहानियों का भी उल्लेख किया और इसे बस्तर के विकास और युवाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल खेलों को बढ़ावा देने का मंच नहीं है, बल्कि यह युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान कर रहा है।
रजनीश पानीग्राही ने कहा कि दशकों से बस्तर में नक्सली विचारधार का प्रचार कर नक्सली अब तक युवाओं को हिंसा के रास्ते पर ले जाते रहे हैं।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने बस्तर ओलंपिक के जरिए बस्तर में नक्सलवाद को खत्म करना और युवाओं की प्रतिभाओं को निखारने का काम करना एवं खेल के जरिए युवाओं के बीच देश सेवा का संदेश देना भी एक बड़ा मकसद है। सरकार का प्रयास है कि नक्सलवाद पर लगाम लगाते हुए, युवाओं में खेल माध्यम से अनुशासन की भावना जगाई जाए। इन खेलों में नक्सली हिंसा के शिकार और आत्मसमर्पित नक्सलियाें ने भी हिस्सा लेकर बस्तर के युवाओं काे संदेश दिया है।