शशी रंजन सिंह
सूरजपुर (ट्रैक सी.जी. जिला ब्यूरो चीफ) :–
नि-क्षय निरामय कार्यक्रम के अंतर्गत होटल आदित्या में अन्तर्विभागीय कार्यशाला का आयोजन लेप्रा सोसाइटी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में स्टेक होल्डर्स का सेंसटाइजेशन एवं एसीएफ, 100 दिवसीय कैंपिंग में शिविर केवीपी मेपिंग अन्य स्वास्थ्य संबंधी सुझाव डाटा लिया जा सके जिसमें शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, खनिज विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मितानिन कार्यक्रम, पिरामल फाऊंडेशन आदि संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आर एस सिंह महासचिव इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि टीबी मुक्त भारत के लिए सामुदायिक सहभागिता अति आवश्यक है। जिसके लिए विभिन्न विभागों से तालमेल और बेहतर समन्वय बनाने की आवश्यकता है। जो भी विभाग अपनी आंतरिक बैठक करता है उसमें टीबी मुक्त पंचायत के मापदंडों पर अवकाश चर्चा करें इससे सम्भावित टीबी पेसेंटों की पहचान करने में सहयोग मिलेगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ कपिलदेव पैकरा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि टीबी हारेगा देश जीतेगा इसके लिए सभी विभागों का समन्वय होना अति आवश्यक है। जनभागीदारी जितना बढ़ेगा उतनी अधिक सफलता मिलेगी। विभाग के द्वारा क्रियान्वित गतिविधियों को सभी गम्भीरता से लेते हुए कार्य करना है। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। विशिष्ट अतिथि श्रीमती लता बेक संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग ने कहा कि टीबी की बिमारी संक्रमण से फैलती है और इस संक्रमण से बचने के लिए हमें अपने पड़ोस पर ध्यान देना होगा। पड़ोसी खांसता है तो उसका जांच जरूर करवाएं। डॉ प्रिंस जायसवाल जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने कहा कि टीबी मुक्त भारत की समीक्षा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ जे पी नड्डा स्वयं कर रहे हैं । आप सोच सकते हैं कि यह कार्यक्रम कितना महत्वपूर्ण है। टीबी मुक्त सूरजपुर के लिए हमें पूरी तन्मयता के साथ कार्य करना होगा। नि क्षय निरामय कार्यक्रम के तहत सौ दिवसीय सघन टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सभी को सहयोग करना है। जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ जे एस आर सरूता ने कहा कि हम एक कार्यों योजना बना कर कार्य करना होगा। अपने समय का किमत समझे एक पल भी बेकार न जाने दें। लेफरा सोसायटी के राज्य कार्यक्रम परियोजना विशेषज्ञ सूरज बघेल ने कहा कि हाई रिस्क कम्यूनिटी, हाई रिस्क एरिया का पहचान कर उक्त क्षेत्र में विशेष फोकस करने की आवश्यकता है। जैसे नशीले पदार्थ का सेवन करने वाले लोग अथवा समुदाय, खनिज, फैक्ट्री क्षेत्र, आदि। जिला क्षय उन्मूलन केन्द्र के संजीत कुमार ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर भी अन्तर विभागीय बैठक का आयोजन हो और समीक्षा हो , नि-क्षय दिवस के महत्व को बारम्बार बताएं, जन आरोग्य समिति बैठक में टीबी का चर्चा करना है। कार्यक्रम का संचालन पिरामल फाऊंडेशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी ने किया। सुरेश कुमार गुप्ता जिला कुष्ठ सलाहकार ने कहा कि टीबी के साथ साथ कुष्ठ रोगियों का भी पहचान कर चिन्हांकन करें। आभार प्रदर्शन रितेश गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में खण्ड़ चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित भगत, जनेश्वर सिंह खण्ड़ कार्यक्रम प्रबंधक सखन राम आयाम , सुभाष यादव, निलेश दुबे, कविता गुप्ता, कविर सिंह, राम विलास सिंह,निरेश दुबे मदनलाल, पीएन साहु, वंदना जायसवाल अर्चना कुशवाहा, आसमां खान गोविंद राम, सुखमनीया प्रजापति, पार्वती नाविक फूलमती यादव आदि उपस्थित रहे।