राकेश नायक ,ट्रैक सीजी न्यूज, विशेष संवाददाता ,गुजरात
समाज और दाताश्री का शिक्षा पर दृष्टिकोण:
दाता केसरभाई भवजीभाई देसाई परिवार की हमेशा प्राथमिकता रही है: शिक्षा के माध्यम से सामाजिक सशक्तिकरण। USA में बसे दाताश्री के परिवार ने मातृभाषा में शिक्षा देने वाले के.बी. देसाई अर्बुदा स्कूल की स्थापना इडर आंजना पटेल हितवर्धक मंडल के साथ मिलकर की। इस स्कूल का मुख्य उद्देश्य इडर के आस-पास के सभी समाज के बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने वाली एक स्कूल स्थापित करना है, जो वर्तमान समय की मांग के अनुसार ‘ज्ञान’, ‘कौशल’ और ‘व्यवहार’ का विकास करे। यहाँ 21वीं सदी के कौशलों का विकास करके वैश्विक स्तर की क्षमता को बढ़ाने के लिए कठोर प्रयास किए जाते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार, समझ आधारित शिक्षा के साथ पंचकोश आधारित चारित्रिक निर्माण और व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास भारत की संस्कृति और प्रकृति के अनुसार स्वाभाविक रूप से होता है। इस स्कूल की विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
(1) समझ आधारित विषयों का शिक्षण:
वैश्विक स्तर पर 21वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव आया है, वह इस प्रकार है:
→ केवल प्रतिशत के बजाय प्रतिशत के साथ प्रदर्शन/प्रस्तुति
→ केवल याददाश्त के बजाय समझ (जीवनभर सीखते रहना)
→ केवल सिद्धांतों के बजाय प्रायोगिक
→ केवल शिक्षक द्वारा सिखाए जाने के बजाय स्वयं सीखने पर बल देती मिश्रित शिक्षण पद्धति
→ पुस्तकीये बालक के बजाय व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास करने वाला बालक (ऑलराउंडर)
(2) गणित:
नियमित मैथ्स लैब की गतिविधियों से बुनियादी अवधारणाओं की समझ विकसित होती है। वैदिक गणित और स्पीड मैथ्स द्वारा त्वरित और सटीक मानसिक गणना बच्चे सीखते हैं। केवल पुस्तक अध्ययन पर जोर नहीं दिया जाता, ‘गाइड’ और ‘असाइनमेंट’ का उपयोग नहीं होता।
(3) विज्ञान:
प्रयोग, अवलोकन और तकनीक की मदद से मूल तथ्यों (कांसेप्ट) की समझ विकसित की जाती है। मेकर लैब, सैटरडे शो-केस की गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थी स्वयं सीखते हैं और युवा वैज्ञानिक बनने के लिए तैयार होते हैं।
(4) माध्यम – गुजराती: उत्कृष्ट अंग्रेजी:
अंग्रेजी भाषा में दक्षता पर विशेष ध्यान: गुजराती माध्यम में दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी की विशेष पद्धति से शिक्षा। अंग्रेजी और गुजराती भाषाओं में रचनात्मक लेखन, पठन, कथन, कविता गान, स्पेल-बी, अर्थ ग्रहण आदि के माध्यम से श्रवण, कथन, पठन और लेखन (LSRW) चारों कौशलों का विकास किया जाता है, ताकि भविष्य में अंग्रेजी माध्यम में उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थी तैयार हो सकें।
(5) स्पर्धात्मक क्षमता विकास:
सामान्य ज्ञान, तार्किक क्षमता का विकास और विभिन्न विषयों की बुनियादी अवधारणाओं की स्पष्ट समझ और उनका उपयोग करने की क्षमता विकसित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि विद्यार्थियों को भविष्य की परीक्षाओं का अनुभव मिल सके।
(6) 21वीं सदी के कौशलों का विकास:
विषयों के शिक्षण के साथ-साथ रचनात्मकता (Creativity), मिलकर काम करना (Collaboration), जटिल विचारशक्ति (Critical Thinking) और संवाद कौशल (Communication) जैसे भविष्य के लिए आवश्यक कौशल सिखाए जाते हैं। पिछले पांच वर्षों में 32 से अधिक विद्यार्थियों ने जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश लिया है।
(7) विद्यार्थी स्वतंत्र रूप से सीखने वाला:
विद्यार्थियों को शैक्षिक आनंद (Joyful Learning) प्रदान करने वाली व्यवस्थाएँ की जाती हैं, जिससे विद्यार्थी स्वतंत्र रूप से अध्ययन करने लगते हैं – एक स्वतंत्र सीखने वाले (Independent Learner) बनने का वातावरण प्रदान किया जाता है।
(8) विद्यार्थियों की विशिष्ट पहचान और सुपर-30 समूह:
विभिन्न पद्धतियों के माध्यम से विद्यार्थियों की विशेषताएँ/प्रतिभाएँ पहचानी जाती हैं। विभिन्न विषयों/क्षेत्रों में सुपर-30 विद्यार्थियों को चुना जाता है और उन्हें आवश्यक विशेष सहायता दी जाती है।
(9) अच्छी संरचनात्मक सुविधाएँ:
जो संरचनात्मक सुविधाएँ अंग्रेजी माध्यम में उपलब्ध हैं, वही गुजराती माध्यम में भी उपलब्ध हैं। 21वीं सदी के स्किल सेंटर में डिजिटल क्लास, कंप्यूटर लैब, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान की लैब, मेकर स्पेस, इनडोर-आउटडोर खेलों की सुविधाएँ हैं।
(10) अच्छे मानव के रूप में निर्माण:
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के अंदर छिपी दिव्यता को बाहर लाना है। अच्छे मानव के रूप में निर्माण, गुण, कौशल, आदतें और पद्धतियों के विकास के माध्यम से सर्वांगीण विकास और चारित्रिक निर्माण करना हमारी प्राथमिकता है। पंचकोश आधारित चारित्रिक निर्माण और व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास इस स्कूल की विशेषता है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली की आदर्श विद्यालय के रूप में प्रभावी संवाद कौशल, प्रकृति का संरक्षण, आत्मनिर्भर जीवनशैली, संतुलित आहार लेना, भारत की संस्कृति और प्रकृति के अनुरूप व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास यहाँ देखा जाता है। विद्यार्थियों में समस्या के बजाय ‘समाधान’ की सोच विकसित होती है।
(11) उध्यमिता का प्रशिक्षण:
अवलोकन शक्ति, गणना, साहस और आस-पास की आवश्यकताओं के अनुसार उत्कृष्ट उत्पाद/सेवाएँ विकसित कर उध्यमी बनने के लिए अनुभव और प्रशिक्षण दिया जाता है।
(12) मार्ग सुरक्षा का प्रशिक्षण:
मार्ग सुरक्षा जागरूकता और प्रशिक्षण पद्धति से दिया जाता है। विद्यार्थी घर और समाज में जाकर दूसरों को यह प्रशिक्षण देते हैं।
अभिभावक, दीक्षिताबेन पटेल ने बताया, “मेरा बेटा यहाँ 3 साल से पढ़ाई कर रहा है। उसके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। वह खुद घर पर पढ़ाई करता है और जो कोचिंग यहाँ से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मिली है, वह मुझे बहुत पसंद आई है। इसके साथ ही ‘हार्टफुलनेस वे: स्कूल कनेक्ट’ पाठ्यक्रम से उसमें करुणा, प्रेम, प्रकृति की देखभाल और आध्यात्मिकता विकसित हुई है। यह स्कूल सच में बच्चों का सर्वांगीण विकास करता है, यह मैंने अनुभव किया है।”
इस प्रकार ‘परफॉर्मेंस’ और ‘परसेंटेज’ दोनों के लिए 21वीं सदी के अनुरूप शिक्षा और प्रशिक्षण यह स्कूल प्रदान करता है।